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राजस्थान भाजपा से वसुंधरा राजे का प्रभुत्व खत्म करना चाहते हैं गजेंद्र सिंह!

आम मत | जयपुर

राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी संग्राम के बीच अब प्रदेश भाजपा में भी सियासी खींचतान की खबरें सामने आने लगी हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा इस समय दो खेमे में बंट गई है। एक खेमा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का है, वहीं, दूसरा खेमा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और विधायक दल के उप नेता राजेंद्र राठौड़ का है।

भले ही कांग्रेस में अंदरूनी कलह चल रही है, लेकिन इसका फायदा भाजपा नहीं उठा सकी है। इसका कारण वसुंधरा राजे का प्रदेश में वरिष्ठ भाजपा नेताओं के प्रति नाराजगी है। राजे चाहती हैं कि प्रदेश भाजपा में सारे फैसले उनकी सहमति से लिए जाएं।

वहीं, पूनिया, शेखावत और राठौड़ चाहते हैं कि प्रदेश स्तर पर राजे का प्रभुत्व धीरे-धीरे समाप्त हो जाए। इसी के चलते राजे समर्थक विधायक और नेता एकजुट होने लगे हैं। इनमें पूर्व विधानसभा स्पीकर कैलाश मेघवाल, युनूस खान, प्रताप सिंह सिंघवी अन्य राजे समर्थकों को लामबंद करने में जुटे हैं।

जानकारी के अनुसार, प्रदेश विधानसभा में भाजपा के 72 विधायकों में से 30-32 विधायक राजे समर्थक हैं। इन सभी विधायकों को यह नाराजगी है कि पिछले कुछ दिनों से प्रदेश स्तर पर लिए जा रहे फैसलों में वसुंधरा राजे को शामिल नहीं किया जा रहा है।

वसुंधरा समर्थकों ने पार्टी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। एक ओर, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया सहित अन्य पदाधिकारी कांग्रेस सरकार को गिराने की बात कर रहे हैं। वहीं, राजे समर्थक इसके पक्ष में नहीं हैं। कुछ दिन पहले ही कैलाश मेघवाल ने स्पष्ट किया था कि वे किसी निर्वाचित सरकार को गिराने के पक्ष में नहीं हैं।

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