आम मत | नई दिल्ली
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के बेटे अनिल शास्त्री ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में कुछ चीजों की कमी है और सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पार्टी नेताओं के बीच बैठकें नहीं होती हैं। अगर एक अलग राज्य का कोई पार्टी नेता दिल्ली आता है, तो उसके लिए यहां पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मिलना आसान नहीं होता है।
यदि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता, जैसे सोनिया गांधी और राहुल गांधी पार्टी नेताओं से मिलना शुरू करते हैं, तो मुझे लगता है कि 50 प्रतिशत समस्याओं का हल हो जाएगा।’ वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने कहा, ‘मुझे लगता है कि नेतृत्व में कुछ चीजें दुरुस्त होनी चाहिए। लेकिन यह एक पत्र के रूप में नहीं होना चाहिए था।
जिन लोगों ने इसे लिखा है, मैं उनके विचार साझा करता हूं, लेकिन सीडब्ल्यूसी की बैठक से एक दिन पहले पत्र जारी करके उन्होंने जिस तरह का व्यवहार किया, उसने विवाद पैदा कर दिया।’
प्रियंका के लिए पटकथा हो सकती है तैयार
राहुल विरोधी धड़ा मानता है कि इस समय गांधी परिवार के इतर कोई पार्टी नहीं संभाल सकता। राहुल की पंसद वेणुगोपाल या किसी अन्य नेता के हाथ में कमान जाने से स्थिति और बिगड़ेगी। ऐसे में छह महीने में प्रियंका गांधी को संगठन की कमान देने की पटकथा तैयार की जा सकती है। शुरुआती दौर में नए अध्यक्ष की मदद के लिए दो वरिष्ठ नेताओं को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
कबिल सिब्बल का ट्वीट, यह पद के लिए नहीं, देश के लिए
कपिल सिब्बल ने कहा, ‘यह एक पद के बारे में नहीं है। यह मेरे देश के बारे में हैं जो सबसे ज्यादा मायने रखता है।’ दूसरी तरफ, पार्टी से निलंबित नेता संजय झा ने ट्वीट कर लिखा, ‘यह तो अंत की शुरुआत है।’ इससे पहले राहुल गांधी की भाजपा के साथ मिलीभगत वाली कथित टिप्पणी को लेकर सिब्बल ने विरोध जताते हुए ट्वीट किया था। हालांकि राहुल से बात होने पर उन्होंने उस ट्वीट को वापस ले लिया था।
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