आम मत | नई दिल्ली
वाहन मालिकों के लिए बेहद महत्त्वपूर्ण जानकारी है। सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को आदेश दिया कि यदि किसी वाहन मालिक के पास वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र यानी पीयूसी नहीं है तो ऐसे वाहन का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट यानी आरसी को रद्द या कैंसिल किया जाना चाहिए। साथ ही, पर्यावरण हित में जुर्माना भी लगाना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंच ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई की। हालांकि, कोर्ट ने नियम तोड़ने वाले वाहन को फ्यूल ना देने के आदेश को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स-1989 के रूल्स 115 और 116 में प्रदूषण के मापदंड और इनके उल्लंघन पर दंड का प्रावधान किया गया है। इसके मुताबिक, प्रदूषण मापदंड के उल्लंघन पर आरसी सस्पेंशन के अलावा वाहन मालिक को 6 महीने की जेल की सजा या 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा, वाहन के ड्राइवर के लाइसेंस को 3 महीने के डिस्क्वालीफाई किया जा सकता है।
मध्यप्रदेश सरकार ने एनजीटी के फैसले को दी थी चुनौती
अगस्त 2015 में जब मध्य प्रदेश सरकार ने फ्यूल बैन के फैसले को चुनौती दी थी तो एनजीटी ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर 25 करोड़ रुपए जमा करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के दोनों आदेश पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वैध पीयूसी के नियम का पालन नहीं करने वाले वाहन को फ्यूल लेने से नहीं रोका जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 या एनजीटी एक्ट के तहत एनजीटी ऐसा फैसला नहीं दे सकती है।