नई दिल्ली | आममत ब्यूरो
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (National Energy Conservation Day 2022) के अवसर पर आज (14 दिसंबर, 2022) नई दिल्ली में राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार (National Energy Conservation Award), राष्ट्रीय ऊर्जा दक्षता नवाचार पुरस्कार (National Energy Efficiency Innovation Awards)और राष्ट्रीय चित्रकला प्रतियोगिता पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने इस अवसर पर ‘ईवी-यात्रा पोर्टल’ भी लॉन्च किया। निकटतम सार्वजनिक ईवी चार्जर के लिए इन-व्हीकल नेविगेशन की सुविधा के लिए ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा ‘ईवी-यात्रा पोर्टल’ विकसित किया गया है।
भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस पर राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार प्रदान किए
National Energy Conservation Day 2022
सभा को संबोधित करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह सुनिश्चित करना हम सभी के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है कि आने वाली पीढ़ियां प्रदूषण मुक्त वातावरण में सांस लें, अच्छी प्रगति करें और स्वस्थ जीवन जिएं। स्वच्छ हवा में सांस लेना एक बुनियादी मानव अधिकार है। पर्यावरण की रक्षा करके हम अनेक मानवाधिकारों की रक्षा कर सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग की चुनौतियों का सामना करते हुए ऊर्जा संरक्षण एक वैश्विक और राष्ट्रीय प्राथमिकता है। यद्यपि भारत का प्रति व्यक्ति कार्बन उत्सर्जन और ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन विश्व औसत के एक तिहाई से भी कम है, फिर भी एक जिम्मेदार देश के रूप में भारत पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सीओपी-26 में भारत ने ‘लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट’ यानी लाइफस्टाइल का संदेश दिया था, जिसमें विश्व समुदाय से इको-फ्रेंडली लाइफस्टाइल अपनाने का आग्रह किया था। भारतीय संस्कृति और परंपरा में, हमारी जीवनशैली हमेशा LiFE के संदेश के अनुरूप रही है। प्रकृति का सम्मान करना, प्राकृतिक संसाधनों को बर्बाद न करना और प्राकृतिक संपदा को बढ़ाने के उपाय करना ऐसी जीवन शैली का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि भारत इस तरह की जीवन शैली को अपनाने की दिशा में पूरे विश्व समुदाय को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।
जी-20 में भारत की अध्यक्षता का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि जी-20 देश दुनिया की कुल जीडीपी में 85 प्रतिशत और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 75 प्रतिशत का योगदान करते हैं। इसके अलावा दुनिया की 60 फीसदी आबादी भी जी-20 देशों में निवास करती है। उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी अध्यक्षता के दौरान ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के आदर्श के अनुसार ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम को अपनाया है और हम इसे विश्व पटल पर प्रचारित भी कर रहे हैं.
राष्ट्रपति ने सभी पुरस्कार विजेताओं, विशेषकर बच्चों की सराहना की। उन्होंने नेशनल एनर्जी एफिशिएंसी इनोवेशन अवार्ड्स (National Energy Efficiency Innovation Awards) के विजेताओं को उनकी नवीन सोच और कार्यप्रणाली के लिए भी सराहा। उन्होंने कहा कि उनके नवाचारों का व्यापक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग प्रेरित हो सकें और पर्यावरण संरक्षण के नए तरीके विकसित कर सकें। उन्होंने सभी से संकल्प लेने का आग्रह किया कि हम जो कुछ भी करेंगे वह हमेशा प्रकृति के पक्ष में होगा, प्रकृति के खिलाफ कभी नहीं। उन्होंने कहा कि प्रकृति और विकास के बीच संतुलन बनाए रखने में ही मानव कल्याण निहित है।