आम मत | नई दिल्ली
भारत-चीन सीमा विवाद मामले में सोमवार को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत ने बड़ा बयान दिया। सीडीएस रावत ने कहा, ‘लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्प खुले हुए हैं, लेकिन इसका उपयोग केवल तभी किया जाएगा, जब दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर चल रही बातचीत फेल हो जाती है।’
हालांकि, उन्होंने उन सैन्य विकल्पों पर ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। भारतीय सेना चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी को यह बात स्पष्ट रूप से बता चुकी है कि एलएसी पर किसी भी तरह का बदलाव उसे मंजूर नहीं है।
चीन को फिंगर एरिया खाली कर अप्रैल वाली अपनी मूल स्थिति पर लौटना होगा, लेकिन चीन फिंगर इलाका छोड़ने को तैयार नहीं है।
चीन से निपटने के लिए भारत ने कर ली पूरी तैयारी
चीन की किसी भी चालबाजियों से निपटने के लिए भारत ने भी अपनी तरफ से पूरी तैयारी कर ली है। सैन्य कमांडरों ने एलएसी पर मौजूद कमांडिंग अफसरों से किसी भी स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार रहने के लिए कह दिया है।
विवाद सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले तीन महीनों में कई बाद कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं हो चुकी हैं, जिसमें पांच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता भी शामिल हैं, लेकिन अभी तक विवाद सुलझाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
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