नई दिल्ली, 29 अप्रैल 2025 (Ban on Pakistani YouTube Channels) — भारत सरकार ने एक बार फिर पाकिस्तान को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर करारा जवाब दिया है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध (ban on YouTube channels) लगा दिया है। इन चैनलों पर भारत विरोधी प्रचार (anti-India propaganda) और सांप्रदायिक तनाव (communal incitement) फैलाने का आरोप है।
इन सभी चैनलों के संयुक्त रूप से लगभग 6.3 करोड़ सब्सक्राइबर (subscribers) थे और इनकी सामग्री भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) के लिए खतरा मानी गई। यह कार्रवाई पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) के बाद सामने आई है, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया था।

क्या कहा सरकार ने?
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि ये यूट्यूब चैनल बार-बार ऐसे वीडियो और खबरें साझा कर रहे थे जो भारतीय संप्रभुता (sovereignty) और सामाजिक सौहार्द (social harmony) को नुकसान पहुंचा सकते थे।
मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:
“इन चैनलों की सामग्री न केवल झूठ पर आधारित थी, बल्कि इसका मकसद भारत की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बिगाड़ना और देश के अंदर तनाव बढ़ाना था।”
बीबीसी को भी मिला जवाब
सिर्फ पाकिस्तानी चैनलों तक ही मामला सीमित नहीं रहा। भारत सरकार ने BBC की भी आलोचना की, जिसने पहलगाम हमले में शामिल आतंकियों को “उग्रवादी (militants)” बताया था। भारत ने इस शब्दावली को आपत्तिजनक बताते हुए कहा कि इससे आतंकवाद को कमतर आंका गया है और यह terrorism को glorify करने जैसा है।
विशेषज्ञों की राय: यह सिर्फ शुरुआत है
डिजिटल सुरक्षा विशेषज्ञ (cybersecurity expert) और पूर्व आईटी सलाहकार अजय भटनागर का मानना है कि यह कार्रवाई जरूरी और समयोचित है।
“आज जब युद्ध के नए मोर्चे इंटरनेट और सोशल मीडिया पर खुल चुके हैं, तब ऐसे चैनलों को बंद करना देश की डिजिटल रक्षा प्रणाली (digital defence strategy) का हिस्सा होना चाहिए।”
यह कार्रवाई क्यों अहम है?
- इन चैनलों की भाषा और सामग्री भारत की अखंडता (integrity) और सांप्रदायिक सौहार्द (communal harmony) को नुकसान पहुंचा रही थी।
- भारत सरकार ने इन चैनलों को IT Rules 2021 के तहत ब्लॉक किया है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम digital misinformation और foreign influence operations के खिलाफ भारत की नीति को स्पष्ट करता है।
क्या यह कदम प्रभावी होगा?
हालांकि यह प्रतिबंध एक मजबूत संदेश देता है, परंतु तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे चैनल बार-बार नए नामों से उभर सकते हैं। इसके लिए YouTube, Meta और अन्य प्लेटफॉर्म्स को भी सतर्क रहने की आवश्यकता है।
भारत सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी है कि यदि वे समय पर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
निष्कर्ष
यह निर्णय भारत की डिजिटल संप्रभुता की रक्षा (digital sovereignty protection) की दिशा में एक ठोस पहल है। यह न केवल पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश है, बल्कि उन सभी डिजिटल माध्यमों को चेतावनी भी, जो भारत के खिलाफ एजेंडा चलाते हैं।
क्या आपको लगता है कि यह प्रतिबंध देश की साइबर सुरक्षा को मज़बूत करेगा?
अपनी राय साझा करें और जानें कि डिजिटल युग में कैसे भारत अपनी सीमाओं की रक्षा ऑनलाइन भी कर रहा है।
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें। AAMMAT.in पर विस्तार से पढ़ें प्रमुख और अन्य ताजा-तरीन खबरें।