आम मत | नई दिल्ली
महाशियां दी हट्टी यानी एमडीएच ग्रुप के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का गुरुवार को 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के माता चन्ननदेवी अस्पताल में अंतिम सांस ली। महाशय पिछले कई दिनों से बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, गृहमंत्री अमित शाह ने शोक व्यक्त किया।
धर्मपाल गुलाटी को वर्ष 2019 में भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म भूषण दिया गया था। वे 1923 में अविभाजित भारत के सियालकोट (अब पाकिस्तान में) में पैदा हुए थे। महज 5वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद उन्होंने पिता की मदद से साबुन, चावल, कपड़ा आदि का व्यापार शुरू किया।
हालांकि, यह व्यापार ज्यादा नहीं चल सका और वे पिता के व्यापार में उनकी मदद करने लगे। वे अपने पिता की महाशियां दी हट्टी नामक दुकान पर काम करने लगे। उन्हें देगी मिर्च वालों के नाम से जाना जाता था। बंटवारे के बाद वे भारत आ गए। उन्होंने करोलबाग की अजमल खां रोड पर ही एक छोटा सी दुकान लगाकर मसाले बेचना शुरू किया।
मसाले का कारोबार चल निकला और एमडीएच ब्रांड की नींव पड़ गई। उन्होंने एमडीएच को एवरेस्ट मसालों के बाद भारत की दूसरी सबसे बड़ी मसाला निर्माता कंपनी के तौर पर स्थापित किया।