आम मत | नई दिल्ली
चीन ने एक बार फिर से अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है। भारत को पूर्वी लद्दाख सीमा में उलझा कर चीन ने तिब्बत क्षेत्र में सेना की तैनाती बढ़ा दी है। साथ ही, भारत से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास कम्बाइंड आर्म्स ब्रिगेड को तैनात कर दिया है। ये ब्रिगेड को अमेरिकन ब्रिगेड कॉम्बैट टीम की तर्ज पर तैयार की गई है। यह ब्रिगेड सभी हथियारों को चलाने में एक्सपर्ट होती है।
चीन ने तिब्बत के ऊंचाई वाले इलाकों में आर्टिलरी गनों (तोप) को तैनात कर दिया है। सूत्रों के मुताबिक, जुलाई के आखिरी हफ्ते में चीन ने तिब्बत में 4,600 मीटर की ऊंचाई पर आर्टिलरी गन की तैनाती की है।
चीन ने पूर्वी, मध्य और पश्चिमी लद्दाख की सीमा पर बढ़ाए सैनिक
चीन ने एनएसी के तीनों सेक्टर में सैनिक, आर्टिलरी और आर्मर तैनात किए हैं। ये इलाके हैं, पश्चिमी लद्दाख, मध्य में (उत्तराखंड और हिमाचल से लगने वाली सीमा) और पूर्व (सिक्किम और अरुणाचल से लगने वाली सीमा)। चीन उत्तराखंड में लिपुलेख पास के क्षेत्र में भी सैनिकों का जमावड़ा कर रखा है। यहां नेपाल, भारत और चीन की सीमाएं मिलती हैं। यह कालापानी घाटी का हिस्सा है।
अत्याधुनिक हथियार बेच कर पाक की ताकत बढ़ा रहा चीन
दूसरी ओर ठीक इसी समय पाकिस्तान को अत्याधुनिक डिफेंस प्रोडक्ट बेचकर पाकिस्तान की सैन्य क्षमता बढ़ाने में मदद कर रहा है। खुफिया सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान चीन से मीडियम-रेंज, लंबे समय तक चलने वाले मानव रहित एरियल व्हीकल ‘काई हॉन्ग -4’ (सीएच -4) थोक में खरीद रहा है। सीएच-4 इराकी सेना और रॉयल जॉर्डन वायु सेना में भी शामिल है।