आम मत | मुंबई
सुशांत सिंह राजपूत मामले में सीबीआई तेजी से जांच कर रही है। इसी कड़ी में शनिवार को सीबीआई टीम ने सुशांत के कमरे का ताला खोलने वाले चाबीवाले से भी पूछताछ की। सुशांत की मौत के बाद उनके घर पहुंचने वाला रफीक ही पहला बाहरी शख्स था। इस लिहाज से वे इस केस के सबसे महत्वपूर्ण विटनेस हैं। सीबीआई ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था और सिर्फ फोन नंबर लेकर घर जाने के लिए कहा।
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रफीक ने बताया कि उसे सिर्फ ये ही बताया गया था कि कमरे में कोई सो रहा है और दरवाजा अंदर से बंद है। रफीक ने आगे बताया कि वे सुशांत के फ्लैट पर दो बार गए हैं। पहली बार वे 14 जून को लॉक खोलने गए थे और दूसरी बार वे उसी दिन पुलिस को बयान देने गए थे। उसने बताया कि पहली बार जब वे वहां पहुंचे थे तो उस दौरान सभी लोग रिलेक्स दिखाई दिए थे। किसी के चेहरे पर परेशानी का कोई भाव नहीं था।
रफीक ने घटना के दिन के बारे में बताया कि उन्हें दोपहर एक बजे फोन आया। फोन करने वाले उनसे कहा कि उनके घर का दरवाजा बंद हो गया है, उसे खोलना है। उसने (रफीक) लॉक के कम्प्यूटरीकृत या नॉर्मल होने के बारे में पूछा। फोन करने वाले ने बताया कि लॉक कम्प्यूटराइज्ड है। उसने कहा कि सनडे होने के कारण वह दो हजार रुपए लेगा। इस पर फोन करने वाले ने हां कह दिया और जल्दी आने के लिए कहा।
कमरे में नहीं घुसने दिया गया था
चाबी बनाने वाले रफीक ने आगे बताया कि उसने लॉक की चाबी बनाने का प्रयास किया। समय ज्यादा लगने पर वहां मौजूद किसी व्यक्ति ने लॉक तोड़ने के लिए कहा। इस पर उसने लॉक तोड़ दिया। वह दरवाजा खोलने वाला था तो उसे रोक दिया गया और जाने के लिए कहा। उसे रुपए देकर भेज दिया गया। उसने यह भी बताया कि जब वह दूसरी बार वहां पहुंचा था तब उसे पता चला था कि उसे फोन करने और रुपए देने वाले का नाम सिद्धार्थ पिठानी है। रफीक ने कहा है कि वे चाहते हैं कि इस केस की सच्चाई जल्द से जल्द सामने आए। इसलिए वे सीबीआई को पूरा सहयोग करना चाहते हैं।
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