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पंजाबः शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या

आम मत | तरनतारन

42 आतंकी हमले झेल चुके शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की शुक्रवार को पंजाब के तरनतारन के भिखीविंड गांव में गोली मारकर हत्या कर दी। परिवार को हत्या के पीछे आतंकियों का हाथ होने का शक है। जानकारी के अनुसार, 62 वर्षीय बलविंदर सिंह गांव में निजी स्कूल चलाते थे। बलविंदर सुबह जब घर से नीचे उतर रहे थे, तभी बाइक सवार दो युवक वहां पहुंचे। एक युवक घर में घुसा और बलविंदर सिंह को 4 गोलियां मार दी। इससे बलविंदर सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।

वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों आरोपी फरार हो गए। यह वारदात घर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। गोलियों की आवाज सुनकर पत्नी जगदीश कौर नीचे आई तो बलविंदर सिंह लहूलुहान पड़े देखा। पति का शव देखते ही वह बेहोश हो गई। माता-पिता की हालत देख बेटी परनप्रीत कौर भी सुध-बुध खो बैठी। सूत्रों की मानें तो बलविंदर सिंह बचाव के लिए अंदर की ओर भागे थे, लेकिन हत्यारे ने उन्हें स्कूल के ऑफिस में ही मार डाला।

हत्या की खबर पर गांव का बाजार बंद कर दिया गया। बलविंदर सिंह का बड़ा बेटा गगनदीप विदेश में रहता है। वहीं, छोटा बेटा अर्शदीप लॉ की पढ़ाई कर रहा है। बेटी परनप्रीत सरकारी स्कूल में टीचर है। उल्लेखनीय है कि डेढ़ साल पहले भी बलविंदर सिंह पर अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था। घटना के बाद उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई गई थी। कोरोना के चलते उनका गनमैन छुट्टी पर चला गया था।

सरकारी नौकरी छोड़ आतंकियों से लेने लगे थे लोहा

पंजाब में आतंकवाद की शुरुआत के दौर में बलविंदर सिंह शिक्षा विभाग में थे। वहीं, उनके भाई रंजीत सिंह पंजाब रोडवेज में नौकरी करते थे। इस दौर में जब हिंदू परिवार गांव छोड़कर जाने लगे तो उन्होंने आतंकवाद का सामना करने के लिए सीपीएम से हाथ मिलाते हुए नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन पर आतंकी हमले होने लगे। वर्ष 1993 में बलविंदर सिंह, पत्नी जगदीश कौर, भाई रंजीत सिंह और पत्नी बलराज कौर को राष्ट्रपति ने शौर्य चक्र से नवाजा था।

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