आम मत | नई दिल्ली
करवाचौथ का व्रत पत्नियां पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। ये व्रत अन्य व्रतों की तुलना में काफी कठिन होता है। पूरे दिन बिना अन्न-जल के रहकर इस व्रत का निर्वहन महिलाओं को करना होता है। भारतीय महिलाएं (हिंदू धर्मावलंबी) भले ही महिलाएं किसी भी कंडीशन में हों यानी चाहे उनकी तबीयत ही क्यों ना खराब हो, लेकिन वे इस व्रत को करना नहीं भूलती। इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं मेडिकल एक्सपर्ट की राय के बारे में कि किन महिलाओं को यह व्रत नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं
एक्सपर्ट के अनुसार, करवाचौथ का व्रत गर्भवती महिलाओं को बिलकुल भी नहीं करना चाहिए। इसका कारण है कि गर्भ में पल रहे बच्चे और मां दोनों के लिए घंटों तक भूखा रहना सही नहीं होता है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को भी करवा चौथ का व्रत न रखने की सलाह दी जाती है। वहीं नवजात शिशु को स्तनपान कराने वाली महिलाएं भी ऐसा करने से बचें। ऐसी महिलाओं को थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद एक तय मात्रा में कैलोरी या पोषक तत्वों की जरूरत होती है।
मधुमेह यानी डायबिटीज
चिकित्सकों के अनुसार, जिन महिलाओं को डायबिटीज यानी मधुमेह की शिकायत होती है, उन्हें भी करवाचौथ का व्रत नहीं रखना चाहिए। डायबिटीज से ग्रसित महिलाएं अगर पूरे दिन भोजन और जल ग्रहण किए बगैर रहती हैं तो वे हाइपोग्लाइसेमिया की शिकार हो सकती हैं।
हाई या लो ब्लड प्रेशर
चिकित्सकों के अनुसार, उन महिलाओं को भी करवाचौथ का यह व्रत नहीं करना चाहिए, जिन्हें हाई या लो ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है। बीपी के मरीज को व्रत रखने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि लंबे समय तक भूखा रहने से बीपी में उतार-चढ़ाव हो सकता है। बीपी का कंट्रोल पूरी तरह से दवाओं और डाइट पर निर्भर होता है।
कोरोना से ठीक हुईं महिलाएं
इन तीन प्रकार की महिलाओं के अलावा अब चिकित्सकों ने उन महिलाओं को भी यह व्रत ना रखने की सलाह दी है, जो हाल ही में कोरोना संक्रमण से ठीक हुई हैं। इसका कारण है उनके फैफड़ों और अन्य आंतरिक अंगों का पूरी तरह ठीक ना होना। अगर वे पूरा दिन भूखा रहेंगी तो उनका इम्यून सिस्टम गड़बड़ा सकता है और इसके कारण वे अन्य बीमारी की भी शिकार हो सकती हैं।
तबीयत खराब लगने पर चिकित्सकों से लें सलाह
खराब हेल्थ कंडीशन या किसी बीमारी के लक्षण दिखने पर व्रत रखने से पहले महिलाओं को एक बार डॉक्टर्स से सलाह जरूर लेनी चाहिए। प्री हेल्थ कंडीशन के बारे में जानते हुए डॉक्टर आपको जोखिम उठाने की राय कभी नहीं देंगे। अगर डॉक्टर्स आपको व्रत रखने की अनुमति देते हैं तो वे इसके साथ कुछ सावधानियां बरतने की भी बात जरूर कहेंगे।