आम मत | टीना शर्मा
नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की। हाथी घोड़ा पालकी, भई जय कन्हैया लाल की। 12 अगस्त को जन्माष्टमी है। हम सभी के घरों में ठाकुरजी (भगवान कृष्ण) की पूजा होती ही है। कहीं उनका राधा-कृष्ण स्वरुप होता है तो कहीं वे लड्डू गोपाल के रूप में विद्यमान होते हैं।
पूरे देश में जन्माष्टमी पूरे जोर-शोर से मनाई जाती है। आप भी अपने घर में ठाकुरजी को लाड़ लड़ाते होंगे। तो इस बार हम आपको जन्माष्टमी के अवसर के लिए ठाकुर जी का मंदिर बनाना सिखाते हैं और वह भी घर में फालतू पड़ी चीजों से। इस सुंदर मंदिर को देखकर हर कोई आपकी वाहवाही करेगा।
मंदिर बनाने के लिए यह चाहिए सामग्री
2 कार्ड बोर्ड (समान लंबाई-चौड़ाई वाले आकार के), वेलवेट का कपड़ा, थर्माकोल की शीट्स, फोम या रुई, गोटा फ्लोवर, लेस, गोल्डन मोती और गोल्डन बेल (घंटी), फेविकोल, टेप।
ऐसे बनाएं मंदिर
सबसे पहले कार्डबोर्ड (साईज जितनी बड़ी लेनी हो इच्छानुसार ले सकते हैं) का एक भाग हटाकर खुल्ला कर लीजिए। बाकी सारे भाग टेप से अच्छी तरह चिपका दीजिए। अब दूसरे कार्ड बोर्ड को इसके बराबर काटकर अंदर की साइड चिपका दीजिए।
अच्छी तरह टेप लगा दीजिए। अब बाहर की साइड फिनिशिंग और मजबूती के लिए मोटी थर्माकोल की शीट बराबर साइज की कट कर-करके चारों ओर फेविकोल से चिपका दीजिए। अब अंदर की साइड बराबर लंबाई-चौड़ाई का कपड़ा काटकर फेविकोल से चारों ओर चिपका दें।
बाहर के लिए समान लंबाई-चौडाई वाला कपड़ा काटकर उसके बराबर फोम काट लें। पहले कार्डबोर्ड के चारों ओर फोम चिपका दें। उसके ऊपर वेलवेट का कपड़ा चिपका दें। चारों ओर अंदर के कपड़े को बाहर के कपड़े से सिलाई कर दें।
अब खुले भाग के चारों ओर सुई-धागा या ग्लू गन से लेस लगा दें। ऊपर की ओर गोल्डन मोती पिरोकर, बेल (घंटी) लगाकर बंदनवार बना दें। अंदर पीछे की ओर गोटा फ्लोवर्स चिपका दें। मंदिर के चारों ओर भी गोटा के फ्लोवर्स लगा दें। आपका सुंदर सा कान्हा जी का नया मंदिर तैयार है। बैठाइए इस नए मंदिर में अपने बाल गोपाल को।