व्यापारNewsप्रमुख खबरें

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत विकास के पथ पर : शक्तिकांत

आम मत | नई दिल्ली

India on the Path of Development Despite Global Challenges: RBI Governor

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor) ने आज कहा की वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत विकास के पथ पर अग्रसर है। श्री दास ने बुधवार को यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत विकास के पथ पर अग्रसर है।

आरबीआई एक विवेकपूर्ण दृष्टिकोण से तंत्र में वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और निरंतर आर्थिक विकास के लिए स्थितियां बनाने की पूरी कोशिश करेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भू-राजनीतिक अनिश्चितता, उच्च मुद्रास्फीति, अस्थिर वित्तीय बाजारों, बैंकिंग क्षेत्र के तनाव, खाद्य असुरक्षा और ऋण संकट सहित अन्य का असर है। वैश्विक विकास की गति धीमी है।

आपूर्ति श्रृंखलाओं में सुगमता, मुद्रास्फीति में कमी, वित्तीय बाजारों का सामान्यीकरण और चीनी बाजारों को फिर से खोलना है, जिससे कारोबारी एवं निवेश धारणा में सुधार हुआ है लेकिन अनिश्चितता बनी हुई है। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वैश्विक उथल-पुथल के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था ने लचीलापन दिखाया है और भू-राजनीतिक और घरेलू चुनौतियों का सामना करने के लिए अपेक्षित बफर तैयार किए हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट 0.25 फीसदी बढ़ाई Reserve Bank of India RBI Governor Repo Rate
वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत विकास के पथ पर : शक्तिकांत 7

उन्होंने कहा कि इस साल देश की अर्थव्यवस्था के 6.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है। इसके अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महंगाई में कमी, कृषि क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन, सामान्य मानसून की भविष्यवाणी, सेवा क्षेत्र का प्रभावशाली प्रदर्शन, बैंक ऋण में वृद्धि, निजी निवेश का पुनरुद्धार और उद्योग द्वारा क्षमता उपयोग में वृद्धि अन्य प्रमुख सकारात्मक कारक हैं। श्री दास ने कहा कि व्यापक आर्थिक स्थिरता और वित्तीय क्षेत्र पर गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) का दबाव कम हो गया है और वित्तीय क्षेत्र लचीला है।

इसके अलावा देश के पास जनसांख्यिकी का लाभ है, जो देश के संभावित उत्पादन में वृद्धि करेगा। हालांकि वैश्विक मंदी, मानसून को प्रभावित करने वाले अल नीनो कारक विकास के लिए नकारात्मक जोखिम हैं और इन सभी कारकों को सावधानी से संभालने की आवश्यकता होगी। उन्होंने प्रौद्योगिकी की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि भविष्य प्रौद्योगिकी का है और प्रौद्योगिकी विकास में उद्योग की प्रमुख भूमिका है। प्रौद्योगिकी तैयार करने के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को मिलकर काम करना चाहिए।

आरबीआई गवर्नर (RBI GOVERNOR) ने मुद्रास्फीति और केंद्रीय बैंक की नीति पर कहा कि मुद्रास्फीति पर आत्मसंतोष के लिए कोई जगह नहीं है और स्थिति पर कड़ी नजर रखने की आवश्यकता है। मौद्रिक नीति का क्रम जमीनी हकीकत पर निर्भर करेगा, जो यह निर्धारित करेगा कि आरबीआई दरों को यथावत बनाए रखना जारी रखेगा या नहीं। उन्होंने केंद्रीय बैंक के नीतिगत दृष्टिकोण पर कहा कि आरबीआई की भूमिका सक्रिय होना, विवेक का प्रयोग करना और समय पर कार्य करना है।

उन्होंने आश्वासन दिया कि आरबीआई यह सुनिश्चित करेगा कि आर्थिक गतिविधि को बनाए रखने के लिए तंत्र में पर्याप्त तरलता हो। देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और केंद्रीय बैंक ने रुपये की विनिमय दर को बनाए रखा है। इसने 18 देशों में रुपये में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की अनुमति दी है। इस मौके पर सीआईआई के अध्यक्ष संजीव बजाज ने आरबीआई की मौद्रिक नीति कार्रवाइयों और सरकार की राजकोषीय नीति के बीच उत्कृष्ट ‘जुगलबंदी’ के बारे में कहा कि भारत लगातार तीसरे वर्ष दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है और मध्यम से लंबी अवधि के लिए इस स्थान को बनाए रखने की उम्मीद है।

नवीनतम जानकारी और ख़बरों के लिये पढ़ते रहिए हिंदी दैनिक समाचार पत्र आम मत (AAMMAT.In)

सभी ताज़ा ख़बरें यहाँ पढ़ें
Follow Us: Facebook | YouTube | Twitter

और पढ़ें

संबंधित स्टोरीज

इसे भी देखें
Close
Back to top button