आम मत | नई दिल्ली
दिवाली पर हर घर में धन धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा होती है। सुख-समृद्धि स्वरूपा देवी महालक्ष्मी का शनिवार को घर-घर आह्वान-पूजन होगा। मंगलकारी आयुष्मान-सौभाग्य और स्वाति नक्षत्र की त्रिवेणी में विधि-विधान से पूजन किया जाएगा। इस बार तिथियों की घट-बढ़ के चलते रूप चतुर्दशी और दीपावली पर महालक्ष्मी पूजन 14 नवंबर को एक ही दिन होगा।
महालक्ष्मी पूजन का समय
दोपहर 2.18 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। इसके बाद अमावस्या लगेगी जो अगले दिन 15 नवंबर को सुबह 10.37 बजे तक रहेगी।
महालक्ष्मी-कुबेर पूजन व यम दीपदान के मुहूर्त चौघड़िया अनुसार
- मुहूर्त शुभ : सुबह 08:02 से 09:24 और रात 8:52 से 10:31बजे तक
- चर : दोपहर 12:08 से 01: 30 और रात 12:09 से 01:47 बजे तक
- लाभ : दोपहर 01:30 से 02.52 और शाम 05:36 से 07:14 बजे तक
- अमृत : दोपहर 02:52 से 04:14 और रात 10:31 से 12:09 बजे तक
स्थिर लग्न में पूजन
- वृश्चिक : सुबह 06:51से 09:07 बजे तक
- कुंभ : दोपहर 12:59 से 02:33 बजे तक
- वृषभ : शाम 05:44 से 07:42 बजे तक
- सिंह : रात 12:11से 02:23 बजे तक
- अभिजित मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:32 बजे तक
- प्रदोष वेला शाम 05:36 से 07:47 बजे तक
- महानिशीथ काल रात 11:45 से 12:33 बजे तक।
दीवाली पूजन की सामग्री
लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा, लक्ष्मी जी को अर्पित किए जाने वाले वस्त्र, लाल कपड़ा, सप्तधान्य, गुलाल, लौंग, अगरबत्ती, हल्दी, अर्घ्य पात्र, फूलों की माला और खुले फूल, सुपारी, सिंदूर, इत्र, इलायची, कपूर, केसर, सीताफल, कमलगट्टे, कुशा, कुंकु, साबुत धनिया (जिसे धनतेरस पर खरीदा हो), खील-बताशे, गंगाजल, देसी घी, चंदन, चांदी का सिक्का, अक्षत, दही, दीपक, दूध, लौंग लगा पान, दूब घास, गेहूं, धूप बत्ती, मिठाई, पंचमेवा, पंच पल्लव (गूलर, गांव, आम, पाकर और बड़ के पत्ते), तेल, मौली, रूई, पांच यज्ञोपवीत (धागा), रोली, लाल कपड़ा, चीनी, शहद, नारियल और हल्दी की गांठ।