गुर्जर आंदोलन पर विधानसभा में डॉ. रघु शर्मा ने दिया जवाब
आम मत | जयपुर
जयपुर, 2 नवम्बर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सोमवार को विधानसभा में सरकार की ओर से कहा कि गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की मांगों को पूरी करने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने सदन की तरफ से अपील की है कि संघर्ष समिति के पदाधिकारी सरकार के पास आए और वार्ता कर समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करें। उन्होंने सरकार से भी समास्या का समाधान करने की अपील की है, ताकि प्रदेश के अमन, चैन, शांति कायम रह सके।
इससे पहले चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने सदन के सभी सदस्यों को यह जानकारी देते हुए कहा कि एक नवम्बर से गुर्जर आरक्षण को लेकर लोग रेल की पटरियों पर बैठे हैं। यह हमारी सरकार की संवेदनशीलता है कि जब जब हमारी सरकार रही और गुर्जर और अन्य समाज के लोगों ने आन्दोलन किया तब तब हमने शांति पूर्ण ढंग से वार्ता कर आन्दोलन को समाप्त करवाया है।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने 13 फरवरी 2019 को कानून बनाकर अति पिछड़ा वर्ग के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया।
उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा वर्ग के लिए 5 प्रतिशत का प्रावधान लागू होते ही राज्य सरकार द्वारा नीतिगत निर्णय लिया गया कि दिनांक 13 फरवरी 2019 को जिस दिन अति पिछडा वर्ग के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण का कानून लागू हुआ, जितनी भी भर्तियां प्रक्रियाधीन थीं उन सभी में अति पिछड़ा वर्ग को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
अभी तक 2491 अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को दी नियुक्तियां
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा सितंबर तक मात्र 22 माह के कार्यकाल में अभी तक अति पिछड़ा वर्ग के 2491 अभ्यर्थियों को पदों पर नियुक्तियां दी जा चुकी है। इसके अलावा वर्तमान में प्रकियाधीन भर्तियां और भी हैं. जिनमें अभी नियुक्तियां दिया जाना शेष है, इन प्रक्रियाधीन भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर 1356 पद आरक्षित किए जा चुके हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इससे पूर्व वर्ष 2008 से वर्ष 2013 तक के हमारी सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2009 में 1 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर वर्ष 2013 तक विशेष पिछड़ा वर्ग को लगभग 1771 नौकरियां दी गई। इस प्रकार हमारे शासन काल में 4262 नौकरियां दी जा चुकी है। 5 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर 1356 पद प्रक्रियाधीन भर्तियों में और मिलेंगे।
भाजपा सरकार ने 5 सालों में दी थी महज 2558 नौकरियां
विगत सरकार के कार्यकाल में 2014 से 2018 दौरान विशेष पिछडा वर्ग को 2588 नौकरियां ही दी गई थी। एसबीसी के आरक्षण के लिए 2008 में एक्ट पारित हुआ तथा यह 31 जुलाई 2009 से लागू हुआ। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा चार नवंबर 2010 को इस पर स्थगन जारी कर दिया गया। राज्य सरकार ने 06 मई 2010 को आदेश जारी करते हुए एसबीसी के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण देने के आदेश जारी किए। 4 प्रतिशत पद सुरक्षित रखने का निर्णय किया जो न्यायालय द्वारा 2008 के अधिनियम को वैध घोषित होने की परिस्थिति में एसबीसी को उपलब्ध कराये जाने थे जो बाद में वैध घोषित नहीं हुआ।
राज्य सरकार ने वर्ष 2012 में एसबीसी को दिया था 5 प्रतिशत आरक्षण
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने 30 नवंबर 2012 को आदेश जारी कर पुनः एसबीसी की 5 जातियों के लिए 5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की। न्यायालय द्वारा 5 प्रतिशत आरक्षण की 30 नवंबर 2012 के आदेश को पुनः 4 मार्च 2013 को स्टे कर दिया गया। इसी प्रकार दिनांक 16 अक्टूबर 2015 को एसबीसी अधिनियम 2015 को लागू करते हुए 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया गया।
हाईकोर्ट ने 2015 के अधिनियम को 2016 में किया था निरस्त
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि न्यायालय द्वारा नौ दिसंबर 2016 को 2015 के अधिनियम को निरस्त कर दिया गया। राज्य सरकार द्वारा 22 दिसंबर 2016 को उच्च न्यायालय के आदेश के विरूद्ध उच्चतम न्यायालय में एसएलपी दायर की गई। इस एसएलपी में उच्चतम न्यायालय ने नौ मई 2017 को आदेश जारी कर उक्त अधिनियम के तहत और कोई भी लाभ देना रोक दिया। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 20 दिसंबर 2017 को राजस्थान अति पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2017 को लागू किया गया जिसमें अति पिछड़ा वर्ग के लिए 1 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई।
सहानुभूतिपूर्वक मांगों पर किया विचार
जैसे ही जानकारी मिली की 17 अक्टूबर को गुर्जर आरक्षण समिति अपनी मांगों को लेकर अड्डा में महापंचायत करने वाले है सरकार ने पूरी तत्परता बरतते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ता की और उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने के लिए कहा। इस पर आन्दोलनकारियों ने एक नवम्बर का समय दिया।
उन्होंने बताया कि सरकार ने गम्भीरता से प्रयास कर गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ता की और कलेक्टर करौली ने कर्नल बैसला को राज्य सरकार का वार्ता के लिए पत्र सौंपा। उपसमिति द्वारा 29 अक्टूबर को 4 बजे संघर्ष समिति सदस्यों के साथ जयपुर में बैठक आयोजित की जानी थी, लेकिन संघर्ष समिति के सदस्य नहीं आये इस पर केबिनेट उपसमिति ने उनकी 3 मांगों को पूरा किया।
41 प्रतिनिधियों से वार्ता कर 14 मांगों पर बनी थी सहमति
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने बताया कि केबिनेट उपसमिति ने 31 अक्टूबर को गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के नेहरा क्षेत्र के 80 गांवों के 41 प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की और उनकी 14 मांगों पर आपसी सहमति के बाद निर्णय लिया गया। संघर्ष समिति की मांगों को मान लिया गया। इस वार्ता में कर्नल बैसला नहीं आए।
इन मांगों पर बनी सहमति
1. गुर्जर आरक्षण के दौरान घायल तीन व्यक्तियों कैलाश गुर्जर, मानसिंह गुर्जर और बद्री गुर्जर, जिनकी अब मृत्यु हो गई है, के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। इन तीनों के परिवारों के एक-एक सदस्य को नगर परिषद/नगर निगम में नौकरी दी जाएगी।
2. अति पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2019 के लागू होने के समय प्रक्रियाधीन समस्त भर्तियों में पांच प्रतिशत आरक्षण देते हुए, अब तक अति पिछड़ा वर्ग के 2297 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्तियां दी जा चुकी है। इसके अलावा अभी तक पूर्ण होने से शेष भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग के लिए 5 प्रतिशत के अनुसार जितने भी पद आरक्षित है, उन पर चयन के पश्चात् अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी।
3. एम.बी.सी. वर्ग के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला के समकक्ष समस्त परिलाभ दिये जायेंगे। 4. वर्ष 2011 में हुए समझौते में केस वापसी के सम्बन्ध में आपसी समन्वय एवं केस वापसी की प्रगति के लिए पूर्व में जारी किए गए आदेश के तहत बैठक आयोजित की जाएगी।
5. देवनारायण योजना के तहत निर्माणाधीन 5 आवासीय विद्यालयों एवं 5 अन्य आवासीय विद्यालयों की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों की समिति गठित की जाएगी। इन पांच आवासीय विद्यालयों में से पीपर्रा आवासीय विद्यालय की टेंडर प्रक्रिया तुरंत शुरू कर दी जाएगी। मॉनिटरिंग हेतु गठित समिति नियमित रूप से कार्यों का निरीक्षण करते हुए पारदर्शितापूर्ण कार्य सुनिश्चित करेगी और तीन माह में प्रगति रिपोर्ट देगी।
6. देवनारायण योजना की प्रगति के सम्बन्ध में केबिनेट उप-समिति के साथ अति पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक आयोजित की जाएगी।
7. अति पिछड़ा वर्ग में शामिल लबाना जाति के अलावा अन्य लोगों के लबाना जाति के जारी हुए जाति प्रमाण-पत्रों की जांच की जाएगी। जांच के उपरांत यथोचित कार्यवाही होगी।
8. खेल स्टेडियम का निर्माण पीपर्रा या मोरोली में से एक जगह पर किया जाए।
9. कारवाड़ी और रूदावल में देवनारायण छात्रावास का निर्माण हो।
10. बैठक में राइका समाज के प्रतिनिधि द्वारा घुमन्तु जातियों के बारे में दिए गए सुझावों का अध्ययन किया जाएगा।
11. राज्य सरकार (कार्मिक विभाग) द्वारा अति पिछड़ा वर्ग हेतु आरक्षण से सम्बंधित प्रावधान को नवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु पूर्व में भारत सरकार को दिनांक 22-02-2019 एवं दिनांक 21-10-2020 को लिखा गया है इस हेतु पुनः भारत सरकार को उक्त आरक्षण प्रावधान को नवीं अनुसूची में शामिल करने हेतु राज्य सरकार द्वारा तत्काल लिखा जाएगा।
12. दिनांक 16.08.2018 के मंत्रीमण्डलीय उप समिति द्वारा लिये गये निर्णय के सम्बन्ध में माननीय मुख्यमंत्री महोदय से वार्ता की जाएगी।
13. गुर्जर आरक्षण आन्दोलन के संदर्भ में दिनांक 05.01.2011 को हुए समझौते के बिन्दु संख्या 3 (ख) सम्बन्ध में विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए समिति द्वारा पदों को सुरक्षित रखने के संदर्भ में वर्तमान में माननीय उच्चतम न्यायालय में लंबित एस.एल.पी. का निर्णय होने के पश्चात माननीय न्यायालय के निर्णय के प्रकाश में विधिक प्रावधानों के अनुसार कार्यवाही हेतु विचार किया जाएगा।
14.रीट 2018 के सम्बन्ध में एम.बी.सी. हेतु 940 पद 5 प्रतिशत के आधार पर बनते थे, जिनमें से 568 पर नियुक्ति दी जा चुकी है, शेष 372 पदों के बारे में अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त, प्रमुख शासन सचिव, शिक्षा, प्रमुख शासन सचिव, विधि, एवं प्रमुख शासन सचिव, कार्मिक विभाग की समिति बनाकर सात दिवस में समुचित विधिक निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इन मांगाें को मानने के बावजूद भी आन्दोलन किया जा रहा है। मैं यह स्पष्ट बता देना चाहता हूं कि सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने की इजाजत किसी को भी नहीं दी जा सकती है। और कानून व्यवस्था के तहत जो भी कदम उठाने है वो उठाए जा रहे है।
वार्ता की, फिर भी कोई मांगेंं होंगी तो सरकार के दरवाजे खुले हैं
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि कैबिनेट उपसमिति के सदस्य मंत्री अशोक चांदना जी, कल वार्ता के लिए गए, लेकिन रास्ते में जाम की वजह से थोड़ी देरी हुई, उन्होंने कर्नल बैंसला और विजय बैंसला से भी मोबाइल पर बात की, लेकिन उन्होंने वार्ता नहीं की। फिर भी यदि कोई इनकी मांग है तो सरकार के दरवाजे हमेशा खुले हैं और खुले रहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार के द्वारा संवैधानिक प्रावधानों के तहत जो भी हो सकता वह कर रही है। संवैधानिक प्रावधानों के परे कोई भी सरकार कुछ नहीं कर सकती।