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डॉक्टरों से मारपीट पर होगी जेल, राज्यसभा से महामारी रोग संशोधन एक्ट पारित

आम मत | नई दिल्ली

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने शनिवार को राज्यसभा में महामारी रोग (संशोधन) अधिनियम 2020 पेश किया। इसे अधिकांश सदस्यों ने समर्थन दिया। कुछ सदस्यों ने इसके दायरे में अस्पतालों के सफाई कर्मियों, आशा (मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता) कर्मियों और पुलिस और अन्य विभागों जैसी आपात सेवाओं के कोरोना वॉरियर्स को भी लाने का सुझाव दिया।

अप्रैल में सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के स्थान पर यह विधेयक लाया गया है। इस विधेयक में कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों से हिंसा की घटनाओं को गैरजमानती अपराध बनाया गया है। विधेयक का मकसद कोरोना जैसी किसी भी स्थिति के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा और संपत्ति को नुकसान पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करना है। प्रस्तावित अधिनियम में ऐसी हिंसा में लिप्त होने या उकसाने पर 3 महीने से पांच साल तक की कैद और 50 हजार से दो लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

गंभीर चोट के मामले में छह महीने से सात साल तक की कैद और एक लाख से पांच लाख रुपए तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है। कांग्रेस के आनंद शर्मा ने कहा कि इसके दायरे में पुलिस और अन्य सेवाओं के कर्मियों को भी शामिल करने की जरूरत है। उन्होंने सभी पक्षों से विचार-विमर्श के लिए तत्काल एक राष्ट्रीय कार्यबल भी गठित करने का सुझाव दिया।

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