आम मत | हरीश गुप्ता
– केंद्र निदेशक की मनमानी के चलते कई योग्य स्कॉलर ने छोड़ा केंद्र
– अयोग्य लोगों की केंद्र निदेशक ने की नियुक्ति
जयपुर। राजस्थान विश्वविद्यालय में नियुक्ति का स्वप्न देख रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। विवि का ही गुरु गोविंद सिंह सिख स्टडी सेंटर आपके सपने पूरे कर देगा। सूत्रों की मानें तो यह सेंटर फर्जीवाड़े में इन दिनों यूनिवर्सिटी में टॉप चल रहा है।
केंद्र निदेशक राकेश झा ने इन दिनों कई अयोग्य लोगों की नियुक्ति कर डाली। नियुक्ति कुछ टीचर्स के दबाव में तो कुछ ऊंची अप्रोच के चलते। आखिर शहर के विधायक की भी माननी पड़ेगी। पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के ‘आला’ साहब ने भी बहती गंगा में हाथ धो लिए तो अध्ययन केंद्र के ‘आला’ साहब ने भी मौके पर चौका मार लिया।
विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस के साहब की श्रीमति की भी होने जा रही नियुक्ति
सूत्रों की मानें तो मोहम्मद आरिफ की नियुक्ति के पीछे भी दो लोगों का हाथ बताया गया। अब चर्चाएं जोरों पर हैं। ‘विवि गेस्ट हाउस के एक साहब की श्रीमती की भी नियुक्ति की तैयारी की जा रही है।’ सिख स्टडी सेंटर के निदेशक झा खुद को सरकार से कम नहीं समझते। यही कारण है केंद्र और राज्य सरकार ने विश्वविद्यालयों में रिसर्च सेंटर को 1 सितंबर से खोलने की अनुमति कोरोना की गाइडलाइंस में दी थी। उसके विपरीत निदेशक झा रिसर्च स्कॉलर पर 16 मई से सेंटर आने का दबाव बना रहे थे। जिसके चलते सबसे योग्य स्कॉलर ने मजबूरी में केंद्र छोड़ दिया।
सिख सेंटर में हो रहा दादू दयाल, शेख फरीद जैसे विषयों पर भी काम
सूत्रों ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में चर्चाएं जोरों पर है, ‘सिख स्टडी सेंटर में काम तो सिख विषय पर होना था, लेकिन दादू दयाल, बाबा शेख फरीद और संस्कृत जैसे विषय पर भी काम हो रहा है।’
दो स्कॉलर नहीं हैं पीएचडी
कुछ लोगों का तो कहना है, ‘पीछे दरवाजे से एंट्री कैसे होती है उस पर रिसर्च हो रहा है।’
सबसे बड़ी बात तो यह है केंद्र में वर्तमान में कार्यरत स्कॉलर निर्धारित योग्यता ही पूरी नहीं करते। इससे बड़ी बात क्या होगी दो स्कॉलर पीएचडी ही नहीं है। इसके अलावा किसी का माध्यम अंग्रेजी नहीं है।