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जयपुरः जमीन JDA की, पट्टे चौमूं पालिका के, राजनेता के परिवार के नाम हैं पट्टे

– RTI करने वालों को फंसाने में लगे नगर पालिका कर्मचारी

आम मत | हरीश गुप्ता

जयपुर। दिल्ली की जमीन के पट्टे जयपुर में जारी हो जाए। सुनने में आश्चर्य होता है और खुद ही असंभव सा लगता है। ये असंभव काम संभव कर दिखाया चौमूं नगरपालिका के कर्मचारियों ने।
जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के क्षेत्राधिकार में चौमूं स्थित एक चारागाह की जमीन है। इस जमीन पर नगपालिका कर्मचारियों ने पट्टे काट दिए। ये सभी पट्टे एक राजनेता के परिवार के नाम से जारी कर दिए गए।

जानकारी के मुताबिक इस रहस्य का खुलासा तब हुआ जब एक स्थानीय व्यक्ति ने इस संबंध में सूचना के अधिकार (RTI) के तहत नगर पालिका से जानकारी मांगी। पालिका की ओर से जवाब तो नहीं दिया गया, लेकिन खेल से पर्दा उठ गया। गुस्साए कर्मियों ने उस व्यक्ति के खिलाफ राजकार्य में बाधा पहुंचाने की रिपोर्ट थाने में दे दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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पट्टाधारियों के जमीन पर बॉउंड्रीवॉल कराने पर सामने आया खेल

जानकारी के मुताबिक चौमूं में वार्ड नंबर 6 स्थित रावण गेट बागड़ों का मोहल्ला में एक से डेढ़ बीघा जमीन सरकारी चारागाह की है। इस जमीन का मालिकाना हक जयपुर विकास प्राधिकरण का है। जमीन में एक पीपल का पेड़ लगा हुआ है, जिसकी लोग वर्षों से पूजा कर रहे थे।

कुछ सालों पूर्व उस जमीन में से करीब साढ़े 15 सौ गज जमीन के दो पट्टे नगर पालिका ने एक स्थानीय राजनेता के परिवार के लोगों के नाम से जारी कर दिए। लोगों को इस खेल का पता तब चला जब पट्टे वालों ने जमीन पर बाउंड्री करवा दी। बाउंड्री होने के कारण पीपल पेड़ की पूजा करने लोग नहीं जा सकते हैं।

आरटीआई लगाने वालों पर बनाया दबाव

सूत्रों ने बताया कि बाउंड्री होते ही एक स्थानीय व्यक्ति ने आरटीआई के तहत दस्तावेज मांगे तो कई सरकारी मशीनरी का दबाव के जरिए RTI वापस करवा दी। कुछ समय पहले एक अन्य व्यक्ति ने RTI लगाई तो उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई।

आम मत प्रशासन से पूछता है सवाल

सवाल खड़ा होता है जब जेडीए की जमीन पर नगरपालिका मनमानी कर सकता है तो नगर पालिका के क्षेत्राधिकार की जमीन की तो बंदरबांट ही कर दी गई होगी? चरागाह की भूमि के पट्टे जारी किए जा सकते हैं? पट्टे जारी करने में किस-किस कर्मचारी व अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है? उसी जमीन से सटी जमीन पर कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है, उसे हटाने के लिए पालिका ने आज तक क्या कार्रवाई की?

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