आम मत | नई दिल्ली
वर्ष 2019 में 1.39 लाख लोगों ने आत्महत्या की। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल हुई सुसाइड की घटनाओं में से 67 प्रतिशत व्यस्क युवा यानी 18 से 45 आयु वर्ग के थे। NCRB ने एक्सीडेंटल डेथ एंड सुसाइड इन इंडिया 2019 की रिपोर्ट में बताया कि पिछले साल 1.39 लाख में से 93,061 युवा व्यस्कों ने आत्महत्या की थी।
युवाओं के खुदकुशी के वर्ष 2018 के आंकड़ों की तुलना में साल 2019 में युवा व्यस्कों के आत्महत्या के मामलों में 4 फीसदी की वृद्धि हुई। साल 2018 में 89,407 युवाओं ने सुसाइड किया था। अगर सभी आयु वर्ग में वृद्धि की बात की जाए तो यह 3.4 प्रतिशत है।
गले में फंदा लगाना सबसे आम तरीका
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, सुसाइड के लिए फांसी का फंदा बनाकर लगाना सबसे आम तरीका है। साल 2019 में 53.6 फीसदी यानी 74,629 लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी।। इस साल 14 जून को अभिनेता सुशांत सिंह ने भी फांसी लगाकर जान दी थी।
क्या रहते हैं सुसाइड के कारण
रिपोर्ट के अनुसार, पारिवारिक मसले, प्रेम प्रसंग, मानसिक बीमारी, नशीली दवाओं का दुरुपयोग युवाओं में सुसाइड के अहम कारण हैं। 18-45 आयु वर्ग के लोगों में पारिवारिक समस्याएं आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण है।
34 फीसदी युवा व्यस्कों ने फैमिली परेशानियों के चलते किया सुसाइड
साल 2019 में 93,061 युवा व्यस्कों में से 34 प्रतिशत यानी 31,725 ने पारिवारिक कारणों से खुदकुशी की थी। इसी तरह, 7.3 प्रतिशत यानी 7,293 युवा व्यस्कों ने शादी संबंधी परेशानियों के चलते आत्महत्या की थी। इसी तरह, 6491 यानी 7 फीसदी लोगों ने मानसिक बीमारी के चलते सुसाइड किया था। 5.6 फीसदी यानी 5297 लोगों ने नशीली दवाओं और शराब के चलते मौत को गले लगाया। वहीं, 4919 यानी 5.2 फीसदी लोगों ने प्रेम संबंधों के चलते सुसाइड किया।
सुसाइड करने वालों में पुरुषों की संख्या अधिक
NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल सुसाइड के कुल मामलों में से 71 प्रतिशत पुरुष थे। इसी तरह, पारिवारिक समस्याओं के चलते 64, प्रेम संबंधों के कारण 62, नशीली दवाओं और शराब के कारण 98 फीसदी पुरुषों ने सुसाइड का कदम उठाया।
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