आम मत | पटना
जैसे-जैसे बिहार में विधानसभा चुनाव की तिथि पास आती जा रही है। वैसे-वैसे बिहार की राजनीति में नीत नए ड्रामे देखने को मिल रहे हैं। महागठबंधन से अलग होने के बाद पूर्व सीएम और हम पार्टी प्रमुख जीतनराम मांझी ने एनडीए में शामिल होने की बुधवार को घोषणा कर दी। उन्होंने कहा कि वे बिना किसी शर्त एनडीए में एक पार्टनर के तौर पर शामिल हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी का जदयू में विलय नहीं होगा।
प्रेस वार्ता के दौरान मांझी ने कहा कि हमने पार्टी के कार्यकर्ताओं का मन टटोला, उसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचे। मांझी ने आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मेरा बेटा संतोष 7वीं या 8वीं पास नहीं है। बिना मांगे उन्होंने मेरे बेटे को एमएलसी बनाया। वह दया से नहीं मैरिट से बना है। RJD ने अररिया सीट हमारे कारण जीती थी।
मैं लालू की गलत संगत में फंस गया थाः मांझी
एनडीए की तारीफ करते हुए कहा कि एनडीए में मुझे हमेशा सम्मान मिला था। मैं लालू की गलत संगत में फंस गया था। वहां जाने के बाद लगा कि मैं गलत जगह चला आया हूं। वहां भाई-भतीजा और भ्रष्टाचार का बोलबाला है। उन्होंने कहा कि अभी मैं चुनाव लड़ने के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन अगर मुझे चुनाव लड़ाएंगे तो लड़ूंगा।
महागठबंधन में बनवाना चाहते थे कॉर्डिनेशन कमेटी
उल्लेखनीय है कि जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के मनमाने रवैये से नाराज होकर किनारा किया है। दरअसल, मांझी चुनाव सीट और सीएम कैंडिडेट की स्थिति स्पष्ट करने के लिए महागठबंधन में लगातार कॉर्डिनेशन कमेटी के गठन की मांग कर रहे थे। कई बार अल्टीमेटम देने पर भी तेजस्वी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसके चलते मांझी ने महागठबंधन से किनारा कर लिया।