आम मत | नई दिल्ली
भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का सोमवार 31 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे पिछले कई दिनों से बीमार थे और दिल्ली के आर्मी अस्पताल में भर्ती थे। करीब 21 दिन पहले वे ब्रेन सर्जरी के लिए अस्पताल में भर्ती हुए थे। उसी दौरान उनकी कोरोना जांच भी हुई थी। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया।
इसी तरह, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित तमात लोगों ने उन्हें निधन पर दुख व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि प्रणब मुखर्जी 2012 से 2017 तक राष्ट्रपति रहे।
वाजपेयी और पीएम मोदी से प्रभावित थे प्रणब दा
मुखर्जी भले ही कांग्रेस नेता थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी के दो नेताओं से काफी प्रभावित थे। इनमें पहले थे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और दूसरे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। मुखर्जी वाजयेपी को सबसे असरदार और मोदी को सबसे तेजी से सीखने वाला पीएम मानते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुखर्जी की तारीफ में एक बार कहा था कि जब वे दिल्ली आए थे तो प्रणब दा ने उन्हें उंगली पकड़कर सिखाया।
मोदी की लिखे पत्र से भावुक हुए थे प्रधानमंत्री मोदी
2017 में जब राष्ट्रपति पद पर प्रणब मुखर्जी का आखिरी दिन था, तो मोदी ने उनके नाम चिट्ठी में लिखा था- राष्ट्रपति जी, आपके प्रधानमंत्री के रूप में आपके साथ काम करना सम्मान की बात रही। इस चिट्ठी में मोदी ने जिक्र किया था कि प्रणब हमेशा मोदी से यह पूछते थे कि वे अपनी सेहत का ध्यान रख रहे हैं या नहीं? इस चिट्ठी को प्रणब ने ट्वीट किया था और कहा था कि इसे पढ़कर मैं भावुक हो गया।
प्रणब दा ने कहा था- मोदी के काम करने का अपना तरीका है
प्रणब ने कहा था कि मोदी के काम करने का अपना तरीका है। हमें इसके लिए उन्हें क्रेडिट देना चाहिए कि उन्होंने किस तरह से चीजों को जल्दी सीखा है। चरण सिंह से लेकर चंद्रशेखर तक प्रधानमंत्रियों को काफी कम वक्त काम करने का मौका मिला।
इन लोगों के पास पार्लियामेंट का अच्छा-खासा एक्सपीरियंस था, लेकिन एक शख्स सीधे स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन से आता है और यहां आकर केंद्र सरकार का हेड बन जाता है। इसके बाद वह दूसरे देशों से रिश्तों और एक्सटर्नल इकोनॉमी में महारत हासिल करता है।
पिछले साल मिला था भारत रत्न का सम्मान
प्रणब मुखर्जी को वर्ष 2019 में ही भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह सम्मान दिया था। यह सम्मान पाने वाले वह 5वें राष्ट्रपति थे। उनसे पहले डॉ. राजेंद्र प्रसाद, वीवी गिरी, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन भारत रत्न से नवाजे जा चुके हैं।