आम मत न्यूज़ | नई दिल्ली
Ban on Diesel Buses in Delhi NCR: बढ़ते वायु प्रदूषण के मद्देनजर, दिल्ली सरकार ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से आग्रह किया है कि वे अपनी डीजल बसों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में प्रवेश करने से रोकें। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि डीजल बसों से निकलने वाले हानिकारक प्रदूषक तत्व वायु गुणवत्ता को और खराब कर रहे हैं, जिससे श्वसन संबंधी बीमारियों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
वायु गुणवत्ता में गिरावट और सरकार की प्रतिक्रिया
दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार खराब हो रही है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ रहा है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) अब 300 के पार चला गया है, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के दूसरे चरण को लागू कर दिया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध की अपील
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्र के माध्यम से हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों से अनुरोध किया है कि वे दिल्ली में डीजल बसों का प्रवेश बंद करें। उन्होंने कहा कि डीजल से चलने वाली बसें बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाती हैं और दिल्ली की वायु गुणवत्ता को और बिगाड़ सकती हैं। डीजल बसों की जगह सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का सुझाव दिया गया है, ताकि प्रदूषण कम हो और सार्वजनिक परिवहन को सुरक्षित बनाया जा सके।
“रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” अभियान की अपील
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए अपने प्रसिद्ध अभियान “रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ” को भी फिर से सक्रिय किया है। इस अभियान के तहत नागरिकों से अपील की गई है कि वे लाल बत्ती पर अपने वाहनों को बंद करें, ताकि धुएं का उत्सर्जन कम हो और वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लोगों को जिम्मेदारी से वाहन चलाने के लिए प्रेरित करता है और छोटे-छोटे प्रयासों से वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।
निर्माण और तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक
पर्यावरण को और अधिक नुकसान से बचाने के लिए दिल्ली सरकार ने निर्माण और तोड़-फोड़ की गतिविधियों पर भी रोक लगाने की अपील की है, खासकर अक्टूबर से जनवरी तक के महीनों में। यह समय वायु प्रदूषण के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील होता है, और ऐसी गतिविधियों से निकलने वाला धूल-धुआं स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
पानी का छिड़काव और भीड़भाड़ नियंत्रित करने के प्रयास
सरकार ने प्रभावित क्षेत्रों में पानी का छिड़काव करने का भी निर्देश दिया है, ताकि धूल के कण वायुमंडल में न फैलें। इसके अलावा, यातायात के सुचारू संचालन के लिए प्रमुख भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यह कदम न केवल प्रदूषण को कम करने में मदद करेगा, बल्कि ट्रैफिक जाम को भी नियंत्रित करेगा, जो अक्सर वायु प्रदूषण का एक बड़ा कारण होता है।
सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा
दिल्ली सरकार ने सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया है। इससे प्रदूषण में काफी हद तक कमी लाई जा सकती है, क्योंकि ये वाहन डीजल या पेट्रोल की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं। इसके साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें, ताकि निजी वाहनों की संख्या कम हो और वायु गुणवत्ता बेहतर हो सके।
दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीरता
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता में लगातार गिरावट आ रही है, जिससे स्थिति और अधिक चिंताजनक हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो यह समस्या और अधिक गंभीर हो सकती है। सरकार के द्वारा उठाए गए ये कदम न केवल तत्काल प्रभावी हो सकते हैं, बल्कि भविष्य में भी वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेंगे।
Ban on Diesel Buses in Delhi NCR
दिल्ली सरकार का यह निर्णय समय की मांग है, क्योंकि वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अब कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है। डीजल बसों पर प्रतिबंध और सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना न केवल प्रदूषण को कम करेगा, बल्कि लंबे समय में नागरिकों के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएगा। इसके साथ ही, सरकार के प्रयासों को जनता का समर्थन और सहयोग मिलना भी महत्वपूर्ण है, ताकि हम सभी मिलकर एक स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण का निर्माण कर सकें।
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