आम मत | नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई शिक्षा पॉलिसी (National Education Policy) के तहत देशभर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, उच्च शिक्षण संस्थानों के निदेशकों से चर्चा की। पीएम ने वर्चुअल बैठक में कहा कि अब तक हमारी शिक्षा व्यवस्था में What to think पर फोकस किया जाता है।
वहीं नई शिक्षा पॉलिसी मे How To Think पर बल दिया जाएगा। आज जिस दौर में हम हैं, वहां Information और Content की कोई कमी नहीं है। हर प्रकार की जानकारी आपके मोबाइल फोन पर available है।
जरूरी ये है कि कौन सी जानकारी हासिल करनी है, क्या पढ़ना है। इस बात को ध्यान में रखकर ही, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रयास किया गया है कि जो पढ़ाई के लिए लंबा-चौड़ा Syllabus होता है, ढेर सारी किताबें होती हैं, उसकी अनिवार्यता को कम किया जाए।
अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए Inquiry-based, Discovery-based, Discussion based, और analysis based तरीकों पर जोर दिया जाए। इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनका Participation भी बढ़ेगा।
साइंटिफिक तरीके से पढ़ने वाला स्टूडेंट देश के विकास में मदद करेगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को ताकतवर बनाने के लिए, विकास की नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए, भारत के नागरिकों को और सशक्त करने के लिए, उन्हें ज्यादा से ज्यादा अवसरों के उपयुक्त बनाने के लिए, इस एजुकेशन पॉलिसी में खास जोर दिया गया है। जब भारत का Student, चाहे वो नर्सरी में हो या फिर कॉलेज में, Scientific तरीके से पढ़ेगा, तेजी से बदलते हुए समय और तेजी से बदलती जरूरतों के हिसाब से पढ़ेगा, तो वो Nation Building में भी Constructive भूमिका निभा पाएगा।
अभी तक क्यूरिसिटी और इमेजिनेशन की वैल्यू को नहीं दिया गया था बढ़ावा
पीएम ने कहा कि बीते अनेक वर्षों से हमारे Education System में बड़े बदलाव नहीं हुए थे। परिणाम ये हुआ कि हमारे समाज में Curiosity और Imagination की Values को प्रमोट करने के बजाय भेड़ चाल को प्रोत्साहन मिलने लगा था। कभी डॉक्टर बनने के लिए होड़ लगी, कभी इंजीनियर बनाने की होड़ लगी, कभी वकील बनाने की होड़ लगी। Interest, ability और Demand की Mapping किए बिना होड़ लगाने की प्रवृत्ति से education को बाहर निकालना ज़रूरी था। हमारे Students में, हमारे युवाओं में Critical thinking और Innovative thinking विकसित कैसे हो सकती है, जब तक हमारी शिक्षा में Passion ना हो, Philosophy of Education ना हो, Purpose of Education ना हो।
जॉब रिक्वायरमेंट के हिसाब से स्टूडेंट कर सके पढ़ाई
पीएम मोदी ने कार्यक्रम में कहा कि हर विद्यार्थी को अपने Passion को Follow करने का अवसर मिलना चाहिए। वह अपनी सुविधा और ज़रूरत के हिसाब से डिग्री या कोर्स को Follow कर सके। अगर उसका मन करे तो वो छोड़ भी सके। कई students को बीच में ही course छोड़कर Job करनी पड़ती है। ऐसे सभी students की जरूरतों का ध्यान रखते हुए Multiple entry-exit का Option दिया गया है। अब student वापस अपने course से जुड़कर अपनी Job requirement के हिसाब से ज्यादा effective तरीके से पढ़ाई कर सकता है, learn कर सकता है। इसका एक और aspect है।
ये भी रहे मौजूद
कार्यक्रम में नई शिक्षा पॉलिसी के लिए बनाई गई कमेटी के अध्यक्ष पूर्व इसरो प्रमुख कस्तुरी रंगन, शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक सहित देशभर के विश्विविद्यालयों के कुलपतियों के अलावा कई शिक्षाविद् भी शामिल हुए थे।