अध्यात्मज्योतिष

Lal Kitab Ke Upay | लाल किताब के 32 अचूक उपाय और सिद्ध टोटके

Lal Kitab Ke Upay | लाल किताब के 32 अचूक उपाय और सिद्ध टोटके

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Lal Kitab Remedies | Lal Kitab Astrology | लाल किताब के 32 अचूक उपाय

Lal Kitab Ke Upay | लाल किताब के उपाय

लाल किताब में परंपरागत और स्थानीय संस्कृति के अनुभवों पर आधारित उपाय बताए गए हैं। इसमें एक और जहां वास्तुशास्त्र की बात की गई है तो दूसरी ओर सामुद्रिक विज्ञान को बताया गया है। आओ जानते हैं कि ऐसे कौन से लाल किताब के 32 अचूक उपाय (Lal Kitab ke Upay) हैं जिन्हें करने से हर तरह के संकट दूर होकर घर में सुख, शांति, समृद्धि और धन की आवक बनी रहती हैं।

Lal Kitab ke 32 Achook Upay | लाल किताब के 32 अचूक उपाय

1. तिलक : माथे पर चंदन या केसर का तिलक लगाएं। कम से कम 43 दिन तक ऐसा करें और लगाते ही रहें तो बेहत है।

2. कर्पूर : घर में सुबह और शाम को कर्पूल जलाएं और सुगंधित वातावरण बनाकर रखें।

3. अन्न दान : वृक्ष, चींटी, पक्षी, गाय, कुत्ता, कौवा, कछुआ, मछली, वृद्ध, अनाथ, कन्या, अशक्त मानव आदि प्राणियों के अन्न-जल की व्यवस्था करें।

4. कुत्ते : प्रतिदिन कुत्ते को रोटी खिलाते रहें।

5. रिश्तों का सम्मान : सभी रिश्ते और नातों का सम्मान करें।

6. ठोस चांदी का हाथी : घर में कम से कम 150 ग्राम चांदी का ठोस हाथी घर में रखें।

7. शहद : मिट्टी के बर्तन में शहद भारकर उसे ढंककर घर में कहीं उचित स्थान पर रखें।

8. चांदी का टूकड़ा : चांदी का एक चौकोर टुकड़ा अपने पास रखें या घर की तिजोरी में रखें।

9. गुड़ : देशी गुड़ घर में रखें और समय समय पर उसे थोड़ा थोड़ा खाते रहें।

10. पत्थर की घट्टी : घर में पत्थर की छोटी सी घट्टी रखें।

11. कंबल : मंदिर में सफेद और काला दोरंगी कंबल दान करें या किसी गरीब को दे दें।

12. वृक्ष को जल अर्पण : पीपल, बरगद, नीम और केले की जड़ में नित्य जल चढ़ाएं।

13. नारिलय का उपाय : पानीदार नारियल लेकर अपने और अपने परिवार के सदस्यों के ऊपर से 21 बार वार कर उसे अग्नि में जला दें।

14. नारियल का दूसरा उपाय : 6 नारियल लेकर इसी तरह 21 बार वार कर बहते पानी में बहा दें।

15. सेंधा नमक : सोते समय अपना सिर पूर्व की ओर रखें और अपने सोने के कमरे में एक कटोरी में सेंधा नमक के कुछ टुकडे रख लें।

16. दही स्नान : शुक्रवार को पानी में 100 ग्राम दही मिलाकर स्नान करें और जब भी स्नान करें तो लकड़ी के पाट पर बैठकर ही करें।

17. पानी में बहाना : बहते पानी में रेवड़ियां, बताशे, शहद या सिंदूर बहाएं।

18. सिक्के दान : किसी सफाईकर्मी को कुछ सिक्के का दान करें।

19. पुजारी को दान : मंदिर के वृद्ध पुजारी या शिक्षक को पीला वस्त्र, धार्मिक पुस्तक या पीले खाद्य पदार्थ दान करें।

20. छाया दान करें : शनि के मंदे कार्य न करें, जैसे परस्त्रीगमन, शराब पीना, ब्याज का धंधा करना और किसी मनुष्य या प्राणी को सताना। प्रति शनिवार को छाया दान नहीं कर सकते हैं तो कम से कम 11 शनिवार को छाया दान करें।

21. सिरहाने रखें लौटा : तांबे के लोटे में जल भरकर उसे सिरहाने रखकर सोएं और सुबह उठते ही उसे बाहर ढोल दें या कीकर के वृक्ष में डाल दें। ऐसा कम से कम 43 दिन तक करें और यदि इससे ज्यादा दिनों तक करते ही रहेगे तो भी कोई दिक्कत नहीं।

22. सिक्के का उपाय : किसी की शवयात्रा में श्मशान से लौटते वक्त कुछ सिक्के पीछे फेंकते हुए घर आ जाएं और स्नान कर लें। सिरहाने रात को एक तांबे का सिक्का रखें। सुबह उस सिक्के को किसी श्मशान में फेंक आएं।

23. तांबे के सिक्के का उपाय : तांबे के गोल सिक्के में छेद करके उसे किसी लाल या सफेद धागे में पिरोकर गले में पहनें।

24. कन्याओं को भोजन कराएं : नवरात्रि या बुधवार के दिन कन्याओं को हरे वस्त्र और हरी चुड़िया दान करें और उन्हें भोजन कराएं। या 21 शुक्रवार 9 वर्ष से कम आयु की 5 कन्यायों को खीर व मिश्री का प्रसाद बांटें।

25. नाक और कान छिदवाएं : कुंडली की जांच करके किसी अच्छे मुहूर्त में बुधवार के दिन नाक छिदवाएं या गुरुवार के दिन गुरु का दान कर दें। नाक में चांदी का तार 43 दिन तक डालकर रखें और कान में सोने का तार।

26. चांदी का गिलास : चांदी या तांबे के गिलास में ही पानी पीएं। शीत प्रकृती है तो तांबें के गिलास का उपयोग करें।

27. चांदी की डिब्बी : घर की तिजोरी या अलमारी में ढंक्कल लगी चांदी की डिब्बी जिसमें पानी भरा हो उसे रखें। जब भी पानी सूख जाए तो उसे तुरंत फिर से भर दें।

28. पीतल के बर्तन : घर के किचन में पीतल और तांबे के बर्तनों की अधिकता होना चाहिए।

29. सूरमा लगाएं : घर में काला और सफेद खड़ा सूरमा रखें और उसे आंखों में लगं भी। कुंडली अनुसार 5 ग्राम सूरमा डली गाड़ने की सलाह भी दी जाती है।

30. हनुमान चालीसा : प्रतिदिन हनुमान मंदिर जाएं और हनुमान चालीसा पढ़ें। हनुमानजी को चोला चढ़ाएं। प्रतिदिन नहीं जा सकते हैं तो प्रति मंगल, गुरु और शनिवार को मंदिर जाएं। एकादशी, प्रदोष या गुरुवार का व्रत रखें।

31. वास्तु : घर को वास्तु अनुसार ही बनाएं। वास्तु अनुसार नहीं बना है तो उसमें सुधार करवाएं। घर के वास्तुदोष को मिटाने के लिए कर्पूर का बहुत‍ महत्व है। यदि सीढ़ियां, टॉयलेट या द्वार किसी गलत दिशा में निर्मित हो गए हैं तो सभी जगह 1-1 कर्पूर की बट्टी रख दें। वहां रखा कर्पूर चमत्कारिक रूप से वास्तुदोष को दूर कर देगा।

32. अच्छा आचरण रखें : अपने या दूसरों के प्रति कटु वचन न बोलें। झूठ ना बोले और मुंह से गाली न निकालें। गृहकलह से बचें। मन में बुरे खयाल न लाएं। हमेशा सकारात्मक सोचें।

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