आम मत | हैदराबाद / नई दिल्ली
देश की पहली स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक ने वैक्सीनेशन के पहले दिन यानी शनिवार को बड़ी घोषणा की। कंपनी ने कहा कि यदि कोवैक्सीन के बाद किसी को गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होते हैं तो कंपनी उसी मुआवजा देगी।
टीका लगवाने वाले लोगों द्वारा जिस फॉर्म पर हस्ताक्षर किये जाने हैं, उस पर भारत बायोटेक ने कहा कि किसी प्रतिकूल या गंभीर प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति में आपको सरकारी चिन्हित अधिकृत केंद्रों और अस्पतालों में चिकित्सकीय रूप से मान्यता प्राप्त देखभाल प्रदान की जाएगी।
सहमति पत्र के अनुसार, अगर टीके से गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होने की बात साबित होती है तो मुआवजा बीबीआईएल की तरफ से अदा किया जाएगा। कोवैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण में कोरोना के खिलाफ एंटीडोट विकसित होने की पुष्टि हुई है।
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार ने भारत बायोटेक से कोरोना वैक्सीन की 55 लाख डोज खरीदने का फैसला किया है। सहमति पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि वैक्सीन लगाए जाने का यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि लाभार्थियों को अब कोरोना संबंधित प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना है। इसलिए कोरोना संबंधित गाइडलाइंस का पालन करना अनिवार्य है।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि क्लीनिकल ट्रायल के दौरान किसी अप्रिय घटना के लिए कंपनी जिम्मेदार होगी और कंपनी को मुआवजा देना होगा।