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इसरो के बड़े वैज्ञानिक का दावा- 2017 में उन्हें जहर देकर मारने की हुई थी कोशिश

आम मत | नई दिल्ली

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के वरिष्ठ वैज्ञानिक तपन मिश्रा ने दावा किया कि वर्ष 2017 में उन्हें जहर देकर मारने का प्रयास किया गया था। मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट के जरिए यह दावा किया। अपने पोस्ट में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें इस बारे में किसी प्रकार का कोई आइडिया नहीं है कि उन्हें जहर किसने और क्यों दिया था।

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तपन मिश्रा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि यह जहर उन्हें बेंगलुरू में प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान नाश्ते में मिलाकर दिया गया था। उन्होंने बताया कि घर पर जो आर्सेनिक देते हैं, वो ऑर्गेनिक होता है। उन्हें जो जहर दिया गया था वह इनऑर्गेनिक ऑर्सेनिक था। इसकी एक ग्राम मात्रा किसी इंसान को मारने के लिए काफी होती है।

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उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद 2 साल तक उन्हें इलाज कराना पड़ा। इस जहर से कोई नहीं बचता, लेकिन मैं भाग्यशाली हूं। मैं जनवरी में रिटायर हो रहा हूं और चाहता हूं कि लोगों को इस बारे में पता चले ताकि अगर मैं मर जाऊं तो सबको पता हो कि मेरे साथ क्या-क्या हुआ था।

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मिश्रा ने पोस्ट में यह भी लिखा कि इसरो के बड़े वैज्ञानिकों की संदिग्ध मौत की खबर मिलती ही रहती है। 1971 में प्रो. विक्रम साराभाई, 1999 में वीएसएससी के डायरेक्टर डॉ. एस. श्रीनिवासन और 1994 में नांबीनारायण की मौत के मामले सभी के सामने आए थे। मुझे नहीं पता था कि मैं भी एक दिन इसका हिस्सा बन जाऊंगा।

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