आम मत | नई दिल्ली
डीआरडीओ यानी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन अगले सप्ताह से निर्भय सब सोनिक क्रूज मिसाइल का परीक्षण शुरू करेगा। रिपोर्ट्स के अनुसार, 800 किलोमीटर रेंज की इस मिसाइल को जल्द सेना और नौसेना में शामिल किया जा सकता है। इसे शामिल करने की औपचारिक शुरुआत से पहले रॉकेट बूस्टर मिसाइल को अंतिम रूप दिया जा रहा है।
पिछले 35 दिनों में डीआरडीओ द्वारा यह दसवीं मिसाइल परीक्षण होगा। डीआरडीओ ने ‘मेड इन इंडिया’ की रणनीति के तहत परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों के विकास को तेजी से उत्पादन करने का प्रयास किया है।
डीआरडीओ ने करीब एक महीने में हर चौथे दिन में एक मिसाइल दागी है, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से पीछे हटने के लिए चीन के इनकार की पृष्ठभूमि के खिलाफ डीआरडीओ की तैयारी को दर्शाता है।
उल्लेखनीय है कि भारत ने 9 अक्टूबर को ही भारतीय वायु सेना के एसयू-30 एमकेआई लड़ाकू विमान से विकिरण रोधी मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल लंबी दूरी से दुश्मन के रडारों, वायु रक्षा प्रणालियों और संचार नेटवर्कों को ध्वस्त कर सकती है। अधिकारियों ने कहा कि मिसाइल रुद्रम-1, भारत की पहली स्वदेश निर्मित विकिरण रोधी शस्त्र प्रणाली है।