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OTT पर अश्लीलता रोकने के लिए 8 राज्यों के हाईकोर्ट की सरकार को गाइडलाइन बनाने की सलाह

आम मत | नई दिल्ली

कोरोना काल में ओटीटी प्लेटफॉर्म पर एक के बाद एक वेबसीरीज और फिल्में रिलीज हो रही हैं। इन वेबसीरीज के कंटेंट पर काफी हो-हंगामा भी होता है। कभी कई फिल्मों के कई दृश्यों पर भी विवाद हो जाता है। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आने वाली फिल्मों और वेबसीरीज को लेकर हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई मामले चल रहे हैं। देश के 8 राज्यों के हाईकोर्ट ने मामले में सरकार को अश्लीलता रोकने के लिए ओटीटी के लिए गाइडलाइन बनाए जाने की सलाह भी दी है।

सूत्रों की मानें तो सरकार चाहती है ओटीटी के तमाम प्लेयर्स, खुद ही एक सेल्फ रेगुलेशन बनाएं। ताकि वहां दिखाई जाने वाली फिल्म या वेब सीरीज पर नजर रखी जा सके। अब तक ओटीटी प्लेयर्स की तरफ से ऐसी कोई पहल नहीं हुई है। सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पिछले साल ओटीटी प्लेयर्स के साथ तीन बैठक की थी। उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया है।

ऐसे में सरकार आने वाले वक्त में नेटफ्लिक्स, अमेजॉन प्राइम और हॉटस्टार सहित देश में चलने वाले सभी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के स्व-नियमन यानी सेल्फ रेगुलेशन के लिए कानून बनाने जा रही है।

जैसे फिल्मों के लिए सेंसर बोर्ड, अखबारों के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और टीवी न्यूज चैनल के लिए अपना सेल्फ रेगुलेशन है, उसी तर्ज पर ओटीटी वाले भी या तो अपना सेल्फ रेगुलेशन बनाएं, नहीं तो सरकार इसके लिए कदम उठाएगी।

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