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दक्षिण-पश्चिम नाइजीरिया में शेर के हमले में जूकीपर की दर्दनाक मौत

नाइजीरिया घटना: शेर के हमले में जूकीपर की दर्दनाक मौत

नाइजीरिया के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में स्थित अबीओकुता के एक वन्यजीव पार्क में शेर ने एक 35 वर्षीय जूकीपर को हमला कर मौत के घाट उतार दिया। यह हादसा उस समय हुआ जब जूकीपर ने शेर को खाना खिलाने के दौरान उसके बाड़े के ताले बंद नहीं किए थे। इस वन्यजीव पार्क का स्वामित्व नाइजीरिया के पूर्व राष्ट्रपति ओलुसेगुन ओबासांजो के पास है। पुलिस के मुताबिक, शेर ने जूकीपर के गले पर गंभीर चोटें पहुंचाई, जिसके बाद शेर को मार गिराया गया। इस घटना ने देश में चिड़ियाघरों और जंगली जानवरों के प्रबंधन पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

नाइजीरिया के ओगुन राज्य की राजधानी अबीओकुता में स्थित एक वन्यजीव पार्क में शनिवार को शेर के हमले में जूकीपर की मौत हो गई। यह पार्क पूर्व राष्ट्रपति ओलुसेगुन ओबासांजो की प्रेसिडेंशियल लाइब्रेरी के अंतर्गत आता है। हादसा उस समय हुआ जब जूकीपर शेर को खाना खिलाने गया था और उसने सुरक्षा द्वार को बंद नहीं किया। शेर ने हमला कर जूकीपर को मार डाला। पुलिस और वन्यजीव पार्क की ओर से इस घटना की पुष्टि की गई है।


जूकीपर की मौत: नाइजीरिया घटना कैसे घटी?

1. शेर के बाड़े का ताला न लगाना बनी जानलेवा गलती

पुलिस के अनुसार, जूकीपर ने शेर के बाड़े का ताला ठीक से नहीं लगाया, जिसकी वजह से यह दर्दनाक हादसा हुआ।

  • मृतक की पहचान बाबाजी डौले के रूप में की गई है, जो एक प्रशिक्षित शेर पालक थे।
  • जूकीपर ने शेर को खाना खिलाने के दौरान सुरक्षा द्वार बंद नहीं किया।
  • शेर ने अचानक हमला कर जूकीपर के गले पर गंभीर चोटें पहुंचाई।
  • हमले के बाद शेर को तुरंत मार गिराया गया ताकि मृतक के शरीर का और अधिक नुकसान न हो।

2. पार्क की प्रतिक्रिया और हादसे का विवरण

पार्क प्रशासन ने हादसे की पुष्टि करते हुए बताया कि घटना के समय कुछ अतिथियों को शेर के भोजन की प्रक्रिया दिखाई जा रही थी।

  • यह घटना पार्क के बंद होने के बाद की है, जब जूकीपर ने अतिथियों को शेर का खाना खिलाने की प्रक्रिया दिखाई।
  • बाबाजी डौले एक अनुभवी शेर पालक थे, लेकिन शायद उन्होंने शेर के साथ अधिक सहजता दिखाई, जिससे यह त्रासदी हुई।
  • पार्क के कर्मचारियों ने शेर को गोली मारकर घटना स्थल पर ही मार डाला ताकि शव को और नुकसान न पहुंचे।
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3. पूर्व में भी शेर के हमले की घटनाएं

इस घटना से पहले भी नाइजीरिया में शेरों द्वारा हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

  • ओबाफेमी अवोलोवो विश्वविद्यालय में पिछले साल भी एक जूकीपर की शेर द्वारा हत्या कर दी गई थी।
  • यह घटना नाइजीरिया में चिड़ियाघरों और जंगली जानवरों के प्रबंधन पर सवाल खड़े करती है।
  • सुरक्षा नियमों की कमी: विशेषज्ञों का कहना है कि देश में वन्यजीवों और जंगली जानवरों के प्रबंधन के लिए मजबूत नियमों की आवश्यकता है।

4. शेरों के साथ काम करने में जोखिम

जंगली जानवरों के साथ काम करना हमेशा जोखिम भरा होता है, और इस घटना ने यह बात फिर से साबित कर दी है।

  • सुरक्षा नियमों की अनदेखी: जंगली जानवरों के साथ काम करते समय सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करना बेहद जरूरी है।
  • अनुभवी प्रशिक्षक भी जोखिम में: घटना ने यह साबित किया कि भले ही जूकीपर अनुभवहीन न हो, लेकिन थोड़ी सी चूक भी जानलेवा हो सकती है।
  • प्रशिक्षण की आवश्यकता: शेर जैसे खतरनाक जानवरों के साथ काम करने के लिए नियमित रूप से सुरक्षा प्रशिक्षण और अभ्यास आवश्यक है।

5. घटना के बाद की प्रतिक्रिया और जांच

घटना के बाद से स्थानीय पुलिस और वन्यजीव पार्क के प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है।

  • पुलिस की भूमिका: पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है और यह सुनिश्चित कर रही है कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
  • पार्क का बयान: पार्क प्रशासन ने कहा कि वे जांच में पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं और सुरक्षा मानकों को और सख्त करने की दिशा में काम करेंगे।
  • प्रशिक्षण की कमी: विशेषज्ञों का कहना है कि नाइजीरिया में वन्यजीव प्रबंधन के लिए सख्त प्रशिक्षण और नियमों की आवश्यकता है।

यह घटना इस बात की गंभीर याद दिलाती है कि जंगली जानवरों के साथ काम करना कितना खतरनाक हो सकता है। बाबाजी डौले की मौत ने नाइजीरिया में वन्यजीव पार्कों और जंगली जानवरों के प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। उम्मीद की जाती है कि इस दर्दनाक हादसे से सबक लेते हुए वन्यजीव पार्क और अन्य संबंधित संस्थान अपनी सुरक्षा प्रक्रियाओं को और मजबूत करेंगे।


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