आम मत | जयपुर
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने रविवार को जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल (JLF) में ऑनलाइन शिरकत की। उन्होंने इंडियाज फाइट अगेंस्ट द कोविड सेशन में कहा कि देश के तीन राज्यों महाराष्ट्र, केरल और पंजाब में कोरोना का नया स्ट्रेन आ चुका है। इसलिए बेपरवाह न हों और बेवजह यात्रा करने की भूल न करें। यह फेस्टिवल वर्चुअली चल रहा है।
JLF: वैक्सीन के बाद भी ऐहतियात की वायरस से बचा सकती है
डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘कोरोना खत्म नहीं हुआ है। वैक्सीन के बाद कुछ बचा सकता है तो एहतियात। मास्क तो है ही, लेकिन स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग, आइसोलेशन जैसी आदतों को जारी रखना होगा। ब्राजील में 70% लोग कोरोना से सुरक्षित हो गए थे, लेकिन उन्हें यह बीमारी फिर हो रही है। दरअसल जो एंटीबॉडी बनी, वह बहुत पॉवरफुल नहीं है।’
लोगों को नहीं पता वैक्सीन की अहमियत
फेस्टिवल में साइंटिस्ट और रिसर्चर गगनदीप कांग भी शामिल हुईं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन को लेकर झिझक हमेशा से थी। पोलियो को लेकर भी लोगों के मन में डर था। फिलहाल लोगों को वैक्सीन की अहमियत नहीं पता है। इसकी वजह कम इन्फॉर्मेशन या कोई इन्फॉर्मेशन न होना है।
40% तय नहीं कर पाए कि टीका लगवाएंगे या नहीं
वैक्सीनोलॉजी डॉ. चंद्रकांत लहरिया ने बताया कि 26 दिसंबर से 4 जनवरी तक दिल्ली में सर्वे हुआ। इसमें सामने आया कि 40% लोग अभी तय नहीं कर पाए हैं कि वे वैक्सीन लगवाएंगे या नहीं। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पर भरोसा तब ही होगा, जब हम इसे उसी गंभीरता से लें, जितना हमने मास्क और सफाई को लिया था।