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Film Review: कमजोर एडिटिंग, मजबूत एक्शन से भरपूर ट्रांसफॉर्मर्सः राइज ऑफ द बीस्ट्स

आम मत | जयपुर: ट्रांसफॉर्मर्स फ्रेंचाइजी की 7वीं किश्त ट्रांसफॉर्मर्स: राइज ऑफ द बीस्ट्स (Transformers Rise of the Beasts) एक बार फिर नई कहानी के साथ दर्शकों के सामने आ गई है। इस बार निर्देशन की बागडोर माइकल बे की जगह स्टीवन कैपल जूनियर ने संभाली है। यह प्रिक्वेल है, जिसमें पिछले सभी पार्ट से पहले की कहानी बताई गई है।

Film Story: Transformers Rise of the Beasts

Transformers Rise of the Beasts, राइज ऑफ द बीस्ट्स
Film Review: कमजोर एडिटिंग, मजबूत एक्शन से भरपूर ट्रांसफॉर्मर्सः राइज ऑफ द बीस्ट्स 4

यह एक प्रिक्वेल है, जिसमें ऑटोबोट्स के साथ मैग्जीमल्स यानी एक और एलियन प्रजाति को धरती पर दिखाया जाता है। ये ऑटोबोट्स से पहले धरती पर आए थे। इनका लीडर है प्राइमल, जो ब्रह्मांड के पोर्टल खोलने वाली चाबी को बचाने के लिए अपने कुछ साथियों के साथ सदियों पहले धरती पर आ जाता है।

एलेना जो एक म्यूजियम में काम करती है। उसके म्यूजियम में एक वस्तु आती है, जोकि इस चाबी का हिस्सा है। गलती से वह इसे ऑन कर देती है। इसके बाद यूूनिकॉर्न का सेनापति धरती पर आ जाता है और शुरू होती है ऑटोबोट्स, मैग्जीमल्स और इंसानों की उससे लड़ाई। इसमें इंसानों की ओर से एलेना और नूह लड़ते हैं, एक ऐसे दुश्मन से जो अपनी भूख मिटाने के लिए ग्रहों का भोजन करता है।

Film Review: Transformers Rise of the Beasts

ट्रांसफॉर्मर्स फ्रेंचाइजी की सातवीं कड़ी ट्रांसफॉर्मर्सः राइज ऑफ द बीस्ट्स गुरुवार को भारत में रिलीज हो गई है। फिल्म में इस बार ऑप्टिमस प्राइम की लड़ाई मैग्ट्रॉन, क्विंटेसा से भी बड़े दुश्मन यूनिक्रॉन से है। फिल्म में पिछले पार्ट्स की तरह ज्यादा कुछ नयापन नहीं है। हर बार की तरह बस दुश्मन को ज्यादा खतरनाक दिखाया गया है, लेकिन इस बार यूनिक्रॉन को पूरी तरह नहीं दिखाया गया, जिससे अगले पार्ट में इसी से लड़ाई की संभावना बन पड़ी है।

Movie Transformers Rise of the Beasts
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प्रिक्वेल होने के कारण इस बार फिल्म में मार्क वेह्लबर्ग की जगह एंथोनी रामोस को लिया गया है। रामोस की एक्टिंग ठीक है, लेकिन मार्क के स्तर को छूने में उन्हे समय लगेगा। स्टीवन कई जगह निर्देशन में चूक कर गए हैं। खास तौर पर कहानी को आगे बढ़ाने में। फिल्म कई जगह बोझिल सी लगी यानी एडिटिंग की कमी जरूर खली। 127 मिनट यानी दो घंटे 7 मिनट की यह मूवी थोड़ी ऊबाऊ सी लगी। हालांकि, एक्शन और विजुअल इफेक्ट्स अच्छे बन पड़े हैं। प्राइम के साथ प्राइमल की जुगलबंदी भी ठीक लगी।

Conclusion: Transformers Rise of the Beasts

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कुल मिलाकर फिल्म को थोड़ी एडिटिंग की जरूरत थी, जिससे फिल्म दर्शकों को और ज्यादा बांध कर रख पाती। रेटिंग की बात करें तो फिल्म 3 स्टार के लायक तो है ही। अगर ट्रांसफॉर्मर्स फ्रेंचाइजी को पसंद करते हैं तो फिल्म एक बार जरूर देख सकते हैं।

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