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बीसीसीआई को 10 साल पुराने विवाद में मिली जीत, 850 करोड़ मिलेंगे

आम मत | नई दिल्ली

द बोर्ड ऑफ क्रिकेट कंट्रोल फोर इंडिया (बीसीसीआई) को 10 साल पुराने एक मामले में बड़ी सफलता हासिल हुई। यह मामला इंडिया प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी से जुड़ा हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, बीसीसीआई ने 28 जून 2010 को मॉरीशस की कंपनी वर्ल्ड स्पोर्ट्स ग्रुप (डब्ल्यूएसजी) के साथ आईपीएल के ओवरसीज मीडिया राइट्स एग्रीमेंट खत्म कर दिया था। आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी ने डब्ल्यूएसजी के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बीसीसीआई के साथ धोखाधड़ी की थी। वर्ष 2010 में बोर्ड ने चेन्नई पुलिस को इसकी शिकायत की थी। बोर्ड ने 425 करोड़ रुपए के फैसिलिटेशन फीस के भुगतान में विवाद के कारण करार को खत्म किया था। 2009 में डब्ल्यूएसजी को आईपीएल के मीडिया राइट्स हासिल हुए थे, लेकिन उसे ब्रॉडकास्ट पार्टनर नहीं मिल पाया था।

इस मीडिया राइट्स को हासिल करने से पहले सोनी (एमएसएम) ने डब्ल्यूएसजी के साथ 425 करोड़ रुपए का फैसिलिटेशन एग्रीमेंट किया। बोर्ड को जब यह पता चला तो उसने इसे गलत बताते हुए राइट्स वापस ले लिए। इस पर सोनी ने डब्ल्यूएसजी के साथ फैसिलिटेशन (सुविधा सेवा) करार किया। इसके चलते सोनी ने बोर्ड को 300 करोड़ का भुगतान किया। साथ ही, डब्ल्यूएसजी से वसूली के बाद 125 करोड़ रुपए लौटाने पर भी सहमति बनी।

वहीं, डब्ल्यूएसजी ने बोर्ड के फैसले पर आपत्ति जताई। इस पर 10 वर्ष बाद सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस सुजाता मनोहर, एम. शर्मा और एस.एस. निज्जर की ट्रिब्यूनल ने बोर्ड के फैसले को सही ठहराया। फैसले के बाद बोर्ड को अब एस्क्रो अकाउंट (वह खाता जिसे किसी फंड को अस्थायी तौर पर सुरक्षित रखने के लिए बनाया जाता है) में जमा 850 करोड़ रुपए का प्रयोग करने का अधिकार भी मिल गया।

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