आम मत | प्रयागराज
महिला के बेवफा या व्याभिचारी होने के संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार को अहम फैसला दिया। हाईकोर्ट ने एक याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा कि एक बच्चे के पिता की प्रमाणिकता पता करने के लिए डीएनए जांच सबसे वैध और वैज्ञानिक तरीका है।। इससे यह भी साबित किया जा सकता है कि पत्नी बेवफा, बेईमान या व्याभियारी तो नहीं है।
कोर्ट में एक पति ने तलाक के लिए एक याचिका दायर की थी, जिसमें मुद्दा था कि पति की ओर से दायर की गई तलाक की याचिका में क्या एक पति अपनी पत्नी को डीएनए टेस्ट करवाने के लिए कह सकता है या फिर खुद भी डीएनए टेस्ट करवाने से इनकार कर सकता है?
जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका की सुनवाई के दौरान कहा, “डीएनए टेस्ट सबसे ज्यादा वैध और वैज्ञानिक तरीका है, जिससे पति अपनी पत्नी की बेवफाई प्रमाणित करने के लिए करवा सकता है। इसके अलावा डीएनए टेस्ट से पति साबित कर सकता है कि पत्नी बेवफा, व्यभिचारी या फिर धोखेबाज नहीं है।”
ये है मामला
मामले में पति ने दावा किया कि वह 15 जनवरी 2013 से पत्नी के साथ नहीं रह रहा था। 2014 में उनका तलाक हो गया था। तलाक के बाद पत्नी ने मायके में 2016 में बच्चे को जन्म दिया। पति ने दावा किया कि 15 जनवरी 2013 से ही उन दोनों में शारीरिक संबंध नहीं बने तो बच्चा उसका कैसे हो सकता है।
वहीं, पत्नी ने दावा किया कि बच्चा उसी के पति का है। इसके बाद ही पति ने पत्नी के डीएनए टेस्ट करवाने के लिए आवेदन किया था, जिसमें हाई कोर्ट की बेंच ने यह फैसला सुनाया।