आम मत | नई दिल्ली
कृषि कानूनों के विरोध में हो रहे किसान आंदोलन गुरुवार को 43वें दिन भी जारी रहा। शुक्रवार को केंद्र सरकार और किसान संगठनों में वार्ता होनी है। इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया। कृषि मंत्री ने इस बयान से सरकार का रुख स्पष्ट कर दिया है। तोमर ने कहा कि सरकार तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के अलावा किसी भी प्रस्ताव पर विचार करने के लिए तैयार है।
तोमर ने कहा कि वह अभी नहीं कह सकते हैं कि 8 जनवरी को विज्ञान भवन में दोपहर दो बजे 40 प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेताओं के साथ होने वाली बैठक का क्या नतीजा निकलेगा। मंत्री ने पंजाब के नानकसर गुरुद्वारा के प्रमुख बाबा लखा को गतिरोध खत्म करने के लिए एक प्रस्ताव देने की बात से भी इनकार किया।
वह राज्य के एक जानेमाने धार्मिक नेता हैं। उल्लेखनीय है कि किसानों ने केंद्र सरकार के सामने चार मांगें रखी थी, जिनमें से एक सबसे प्रमुख मांग इन तीनों कानूनों को वापस लेने की थी।
गृहमंत्री शाह ने की बैठक
किसान संगठनों के साथ सरकार की शुक्रवार को होने वाली बातचीत से पहले गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पंजाब के बीजेपी नेताओं के साथ बैठक की। इस बैठक में सुरजीत सिंह ज्याणी और हरजीत सिंह ग्रेवाल मौजूद रहे।
मुलाकात के बाद ज्याणी ने कहा कि किसान संगठनों को तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग पर अड़ियल रवैया नहीं अपनाना चाहिए। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि वामपंथी नेता इस आंदोलन में प्रवेश कर गए हैं और और वे नहीं चाहते कि मामले को सुलझाया जाए।