आम मत | नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख स्थित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। चीन की साजिशों को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने पैगॉन्ग सो झील के दक्षिणी हिस्से में मौजूद एक अहम चोटी पर कब्जा कर लिया। यह रणनीतिक रूप से काफी अहम मानी जाती है। यहां से चीनी सैनिक कुछ मीटर की दूरी पर हैं। ईस्टर्न लद्दाख इलाके में पैंगोंग लेक के पास चीनी सैनिकों ने फिर घुसपैठ की कोशिश की। हालांकि भारतीय सेना के जवानों ने धोखेबाज चीन की इस कोशिश को नाकाम कर दिया।
सोमवार की सुबह भारतीय सेना ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि 29 और 30 अगस्त की रात को चीनी सेना के उकसावे वाली मूवमेंट के जवाब में भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो लेक के दक्षिण में अपने सैनिकों की तैनाती को मजबूत किया और चीन के जमीन पर यथा-स्थिति बदलने के एक तरफे इरादे को ध्वस्त कर दिया गया।
सामरिक महत्त्व के दो दर्रों पर सेना ने अधिकार जमाया
भारत ने इस इलाके में दो सामरिक महत्त्व के पास यानी दर्रों (रेकिन और हैनान कोस्ट) पर अपना अधिकार जमा लिया है। हैनान कोस्ट जो है वो पैंगोंगे त्सो लेक से सटा हुआ है। वहीं रैकिन दर्रा तिब्बत/चीन के रैकिन ग्रेजिंग एरिया के बेहद करीब है। चुशुल से करीब 10-12 किलोमीटर की दूरी पर। ये सब हाईट्स पर है, जहां से इस इलाकों को डोमिनट किया जा सकता है।
चीन का आरोप, भारत नहीं कर रहा दोनों देशों में बनी सहमति का पालन
चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड ने आरोप लगाया कि दोनों देशों के बीच जो सहमति बनी थी, भारत उसका पालन नहीं कर रहा है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा- भारत से तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि उसकी तरफ से भड़काने वाली कार्रवाई हो रही है। भारतीय सैनिक लगातार एलएसी क्रॉस कर रहे हैं।
रक्षा मंत्रालय ने जारी किया नोट, चीन ने फिर किया यथास्थिति का उल्लंघन
चीन की घुसपैठ को लेकर रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक नोट जारी किया। इसमें कहा गया कि चीन ने फिर यथास्थिति (Status Quo) का उल्लंघन किया है। नोट के मुताबिक, 29 अगस्त की रात चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख के भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की।
भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों की इस कोशिश को नाकाम कर दिया। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इससे पहले चीन ने लद्दाख के पास अपने जे-20 फाइटर प्लेन भी तैनात कर दिए थे।