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किसान आंदोलनः यह विचारधारा की क्रांति है, जो वॉट्सऐप पर नहीं चलती हैः राकेश टिकैत

आम मत | नई दिल्ली

नए कृषि कानूनों पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शनों को दिल्ली हिंसा के बाद यू-टर्न देकर उसमें नया जोश भरने वाले भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आंदोलन बिल्कुल ठीक चल रहा है। इंटरनेट बैन को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में कहा कि वे लोग ऐसे ही नहीं जाएंगे बल्कि दिल्ली पुलिस की सारी कील काट के जाएंगे।

भारतीय किसान यूनियन के नेता ने आगे कहा- यह विचारधारा की क्रांति है जो फोन या वॉट्सऐप पर नहीं चलती है। यह क्रांति अनाजों की आधी कीमत पर बिक्री के खिलाफ है। राकेश टिकैत ने कहा- 6 फरवरी को दिल्ली को छोड़कर बाकी जगह जगह पर किसान चक्का जाम करेंगे। किसानों की मांग है कि तीनों कानून वापस हों। उन्होंने कहा- “हमने अक्टूबर तक कि तैयारी कर रखी है। प्रधानमंत्री अगर 1 फ़ोन कॉल दूर हैं तो वो नंबर कौन सा है?”

इधर, अक्सर चर्चा में रहने वाले गाजियाबाद की लोनी से बीजेपी विधायक नंद किशोर गुर्जर का विवादित बयान सामने आया है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत को लेकर विधायक नंद किशोर गुर्जर ने विवादित बयान दिया है। नंद किशोर ने राकेश टिकैत पर निजी हमला बोला है।

उन्होंने पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि राकेश टिकैत मुझसे बड़े किसान नहीं हैं. मेरे पास जितनी जमीन है, राकेश टिकैत के पास उसकी आधी जमीन भी नहीं है। नंद किशोर गुर्जर ने कहा, “”मैं टिकैत के परिवार का सम्मान करता हूं, लेकिन लोग राकेश टिकैत के बारे में कहते हैं कि वह 2 हजार रुपए के लिए कहीं भी जाएगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए. आप आंदोलन कहां ले जा रहे हैं? कल आप कहेंगे कि आतंकवादी आपके पास आए हैं?”

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