गहलोत सरकार पर संकट के बादल, ज्योतिरादित्य मिले सचिन पायलट से
आम मत | नई दिल्ली
राजस्थान में विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले के उजागर होने के बाद एसओजी ने सीएम, डिप्टी सीएम सहित 20 लोगों को नोटिस भेजा। इसके बाद से अब गहलोत सरकार मुश्किल में आ चुकी है। कारण डिप्टी सीएम सचिन पायलट और उनके खेमे के मंत्रियों व विधायकों की नाराजगी।
पायलट आलाकमान से मिलने जयपुर से दिल्ली पहुंच चुके हैं। उधर, भाजपा राजस्थान कांग्रेस में मचे इस घमासान का फायदा उठाने की कोशिश में जुट गई है। भाजपा ने इसके लिए कांग्रेस के पूर्व नेता और वर्तमान में भाजपा से राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मैदान में उतारा है।
सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा ‘मेरे पूर्व सहयोगी सचिन पायलट को ऐसे देखकर दुखी हूं। राजस्थान के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें दरकिनार कर परेशान किया जा रहा है। यह दर्शाता है कि कांग्रेस को क्षमता और प्रतिभा पर थोड़ा विश्वास करना चाहिए।’ सूत्रों की माने तो पायलट ने सिंधिया से मुलाकात की है। सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया की दोस्ती के बारे में सभी को पता है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में कांग्रेस का सत्ता में होने का बहुत हद तक श्रेय पायलट को भी जाता है। इसी तरह, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस की जीत के पीछे ज्योतिरादित्य सिंधिया ही थे। हालांकि, सिंधिया को इसका फायदा नहीं मिला। पार्टी ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया। बाद में कांग्रेस को खामियाजा भुगतना भी पड़ा। ज्योतिरादित्य अपने खेमे के विधायकों के साथ भाजपा में चले गए और कांग्रेस सरकार गिर गई।
वरिष्ठ नेता कपिल सिबल ने पार्टी को चेताया
राजस्थान कांग्रेस में चल रहे इस मामले को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक ट्वीट किया। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के लिए चिंतित हूं, क्या घोड़ों के अस्तबल से निकलने के बाद ही हम जागेंगे? इस ट्वीट के माध्यम से कपिल सिब्बल का कहना साफ है कि पार्टी क्या चीजें हाथ से निकलने के बाद जागेगी। इधर, दिल्ली से जयपुर लौटे कांग्रेसी विधायकों दानिश अबरार और रोहित बोहरा ने कहा कि वे निजी कारणों से दिल्ली गए थे। हम किसी भी विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। हम कांग्रेस के सिपाही हैं और आखिरी सांस तक कांग्रेस के साथ रहेंगे।