आम मत | नई दिल्ली
समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली को रक्षा सौदे में करप्शन केस में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को 4 साल की सजा सुनाई। जेटली ने इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट द्वारा दी गई सजा को फिलहाल रद्द कर दिया है।
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने जया जेटली को गुरुवार शाम 5 बजे तक तिहाड़ जेल प्रशासन के सामने सरेंडर करने का वक्त दिया था। लेकिन हाई कोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को स्थगित कर दिया, जिसके कारण जया जेटली जेल जाने से बच गईं।
उल्लेखनीय है कि मामले की बहस बुधवार को पूरी हो गई थी। इसके बाद निचली अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाया। सीबीआई कोर्ट के जज वीरेंदर भट ने जया जेटली, पार्टी नेता गोपाल पचेरवाल और रिटायर्ड मेजर जनरल एसपी मुरगई को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया।
यह है मामला
वर्ष 2000-01 में एक मीडिया हाउस ने स्टिंग ऑपरेशन किया था। इसमें रक्षा सौदों के करप्शन को दिखाया गया था। स्टिंग में रक्षा मंत्रालय से जुडे़ कई अफसर घूस लेते दिखाई दिए थे। मामले में सीबीआई ने जया जेटली, मेजर जनरल एसपी मुरगई, गोपाल पचेरवाल और सुरेंद्र कुमार सुरेखा को आरोपी बनाया था।
कोर्ट ने पाया कि जया जेटली ने मैथ्यू सैमुअल से वेस्टेंड इंटरनेशनल के प्रतिनिधि के रूप में 2 लाख रुपए के अवैध अनुदान को स्वीकार किया। वहीं एसपी मुरगई को 20 हजार रुपए मिले। तीनों के साथ सुरेंद्र कुमार सुरेखा आपराधिक साजिश के मामले में पक्षकार थे, लेकिन सुरेखा बाद में सरकारी गवाह बन गए।