आम मत | नई दिल्ली
संसद के मॉनसून सत्र में रविवार को राज्यसभा में कृषि बिलों को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने रूल बुक फाड़ने, वैल में हंगामा किया। इसके बाद सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति वैंकेया नायडू ने 8 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया।
इस बीच, कांग्रेस समेत 18 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर बिलों पर साइन नहीं करने की अपील की। उधर, संसद परिसर स्थित गांधी प्रतिमा पर निलंबित सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, राजीव सातव, संजय सिंह, केके रागेश, रिपुन बोरा, डोला सेन, सैयद नजीर हुसैन और इलामारन करीम रात भर धरना देंगे। वे गाना गाकर विरोध जताते दिखे।
निलंबित सांसदों से मिलने पहुंचे विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार देर शाम इन निलंबित सांसदों से मिलने पहुंचे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रविवार को दो कृषि बिलों को बिना वोटिंग के पास कर दिया, जबकि विपक्षी सांसद विरोध कर रहे थे। इस मामले में सरकार और उपसभापति गलत थे, जबकि विपक्ष के सांसदों को सजा दी गई। सांसदों ने न उपसभापति को और न ही मार्शल को हाथ लगाया।
जो राज्यसभा में हुआ उसे अच्छा नहीं कहा जा सकताः नायडू
सभापति वेंकैया ने उपसभापति हरिवंश पर कार्रवाई की मांग को खारिज कर दिया। कृषि मंत्री के जवाब पर बहस की मांग खारिज होने पर 12 विपक्षी दलों ने रविवार को हरिवंश के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। वेंकैया ने कहा कि कल जो राज्यसभा में हुआ, उसे अच्छा नहीं कहा जा सकता।
निलंबित करना, सरकार के तानाशाही रवैये को दर्शाता हैः सीएम ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘8 सांसदों को निलंबित किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। ये सरकार के तानाशाही रवैये को दिखाता है। इससे यह भी पता चलता है कि सरकार का लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास नहीं है। हम फासिस्ट सरकार के खिलाफ संसद और सड़क पर लड़ते रहेंगे।’’