आम मत | नई दिल्ली
संसद में मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में सोमवार को महामारी (संशोधन) विधेयक को मंजूरी मिल गई। लोकसभा में इस विधेयक पर हुई चर्चा के दौरान जवाब देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि पिछले 3-4 वर्षों से हमारी सरकार लगातार महामारी जैसे विषयों से निपटने के बारे में समग्र और समावेशी पहल अपना रही है। उन्होंने कहा कि पहले दो वर्षों में हमें सिर्फ चार राज्यों मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, गोवा और हिमाचल प्रदेश से सुझाव मिले। अभी हमारे पास 14 राज्यों से सुझाव आ चुके हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि इस दिशा में सरकार ‘राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम’ बनाने पर काम कर रही है। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ सदस्यों के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए इसे मंजूरी दी। उच्च सदन ने कुछ दिन पहले महामारी (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी थी। यह विधेयक संबंधित अध्यादेश के स्थान पर लाया गया। इस संबंध में अध्यादेश अप्रैल में जारी किया गया था।
इसके तहत स्वास्थ्य कर्मियों के जीवन को नुकसान, चोट, क्षति या खतरा पहुंचाने कर्तव्यों का पालन करने में बाधा उत्पन्न करने और स्वास्थ्य सेवा कर्मी की संपत्ति या दस्तावेजों को नुकसान या क्षति पहुंचाने पर जुर्माने और दंड का प्रावधान किया गया है। इसके तहत अधिकतम पांच लाख रुपए तक जुर्माना और अधिकतम सात साल तक सजा का प्रावधान किया है।