– 14 सितंबर से शुरू होने वाले मॉनसून सत्र के लिए गाइडलाइंस जारी
– 11 सितंबर के बाद रिसेप्शन पर ही शुरू होगी टेस्टिंग प्रक्रिया
आम मत | नई दिल्ली
संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होने वाला है। इसके लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है। गाइडलाइन के अनुसार, सांसदों को संसद में तभी एंट्री मिल पाएगी, जब वे नो-कोविड सर्टिफिकेट जमा कराएंगे। ये रिपोर्ट सत्र शुरू होने से 72 घंटे पहले का होना चाहिए। इसमें सांसद के अलावा उनके परिवार और स्टाफ की रिपोर्ट भी नेगेटिव होनी अनिवार्य है। इन सांसदों में प्रधानमंत्री, गृह, रक्षा और सभी राज्यमंत्री और दिग्गज नेता भी शामिल हैं।
सदस्य पॉजिटिव आया तो उसे अस्पताल भेजा जाएगा। इसके लिए लागू निर्देशों का पालन किया जाएगा। लेकिन, यदि सांसद निगेटिव है और स्टाफ पॉजिटिव तो सांसद को 14 दिन के सेल्फ क्वारंटाइन पीरियड पर रहना होगा। सांसदों को यह छूट होगी कि वे यह टेस्ट अपने संसदीय क्षेत्र में या संसद परिसर में करा सकते हैं। संसद में 11 सितंबर के बाद रिसेप्शन पर ही टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू होगी। स्टाफ के लिए विशेष टेस्टिंग कैम्प आयोजित किया जा रहा है।
यदि कोई सांसद निगेटिव निकला, लेकिन उसमें लक्षण दिख रहे हैं तो उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाएगा। जब तक नतीजे नहीं आते, तब तक उसे होम आइसोलेशन रहने की सलाह दी जाएगी।
18 दिवसीय सत्र में नहीं होगी कोई छुट्टी
संसद के मानसून सत्र में 18 बैठकें होंगी। एक अक्टूबर तक चलने वाले इस सेशन में दो शनिवार और दो रविवार पड़ रहे हैं। इन चारों दिन छुट्टियों के बावजूद काम होगा। इतना ही नहीं, प्राइवेट मेंबर्स बिजनेस भी नहीं होगा। लोकसभा स्पीकर के स्पष्ट निर्देश हैं कि वक्त कम है और काम ज्यादा, इसलिए इन मुद्दों को फिलहाल टालना ही ठीक है। लोकसभा में हर शुक्रवार को आखिरी के ढाई घंटे प्राइवेट मेंबर्स बिजनेस होता था। इसमें सांसद प्राइवेट मेंबर बिल, प्राइवेट मेंबर रेजोल्यूशन पेश कर सकते थे।
ये रहेगा सिटिंग अरेंजमेंट
- सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करने के लिए पहली बार एक सदन की बैठक में दोनों सदनों के चैम्बर और गैलरी का इस्तेमाल होगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री और कुछ मंत्री राज्यसभा चैम्बर में बैठेंगे। इसके अलावा सदन के नेता, सदन में विपक्ष के नेता और अन्य पार्टियों के नेताओं को राज्यसभा के चैम्बर में ही बिठाया जाएगा।
- दोनों सदनों की टाइमिंग भी अलग-अलग होगी। पहले दिन लोकसभा की कार्यवाही सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक चलेगी। 15 सितंबर से एक अक्टूबर तक लोकसभा की बैठक दोपहर तीन बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी।
- इसी तरह 14 सितंबर को राज्यसभा की बैठक दोपहर तीन बजे से सात बजे तक होगी। 15 सितंबर से इसकी टाइमिंग सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे तक चलेगी। एक से तीन बजे तक के ब्रेक का इस्तेमाल दोनों चैम्बरों को डिसइंफेक्ट करने में किया जाएगा।
- सांसद अपनी कुर्सी पर बैठे-बैठे स्पीकर या सभापति को संबोधित कर सकेंगे। उन्हें मास्क पहनकर रखना होगा। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही करने वाले पत्रकारों के भी आरटी-पीसीआर टेस्ट अनिवार्य होंगे। सांसदों का पर्सनल स्टाफ अलग जगह बैठेगा।
कार्यवाही में हिस्सा लेने के लिए ऐसी रहेगी व्यवस्था
- स्क्रीन हाउस के चैंबर में 4 बड़े डिस्प्ले लगाए जाएंगे। साथ ही, 6 छोटी स्क्रीन गैलरी में लगेंगी, जिससे अलग बैठने के बावजूद सांसद कार्यवाही में हिस्सा ले सकें।
- दोनों सदनों को जोड़ने वाले स्पेशल केबल्स, अधिकारियों की गैलरी को अलग करने के लिए पॉलीकार्बोनेट शीट का इस्तेमाल होगा।
- राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी का मौजूदा सिस्टम दोनों सदनों की कार्यवाही को लाइव टेलीकास्ट करने का है। इसके जरिये वे दोनों सदनों की कार्यवाही को एक-दूसरे सदन में लगी स्क्रीन पर भी प्रसारित कर सकेंगे।