आम मत | नई दिल्ली
विदेश राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को लेकर सोमवार को संसद में जानकारी दी। मुरलीधरन ने बताया कि सुरक्षा परिषद के 5 स्थायी सदस्यों में से 4 ने भारत को स्थायी सीट देने का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा परिषद का विस्तार होने पर भारत को स्थायी सदस्यता मिलने के काफी प्रबल संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा कि मई 2015 में भारत के प्रधानमंत्री के चीन के दौरे के दौरान चीन ने भी यूएनएससी में भारत को शामिल करने का समर्थन किया था। उस समय जारी साझा बयान में कहा गया था कि चीन एक विकासशील राष्ट्र के तौरे पर अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत के दर्जे को अहम समझता है। यह यूएन सुरक्षा परिषद में भारत के शामिल होने का समर्थन करता है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किन देशों ने भारत को समर्थन दिया है।
उल्लेखनीय है कि सुरक्षा परिषद में अमेरिका, चीन, ब्रिटेन, रूस और फ्रांस स्थायी सदस्य हैं। वहीं, 10 अस्थायी सदस्य भी हैं। हर साल 5 अस्थायी सदस्य चुने जाते हैं। इनका कार्यकाल 2 वर्ष का होता है। इसी वर्ष जुलाई में भारत 8वीं बार सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य चुना गया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में इसके लिए वोटिंग की गई, जिसमें 193 सदस्यों ने हिस्सा लिया। इनमें से 184 देशों ने भारत के पक्ष में वोट दिया। दुनिया की मौजूदा हालात को देखते हुए यूएनएससी में स्थाई देशों की संख्या ज्यादा करने की मांग तेज रही है।
भारत, ब्राजील, साउथ अफ्रीका और जापान इसमें शामिल होने के लिए मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। यूनएससी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति बहाल रखने और सुरक्षा के लिए काम करता है।