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शोध में दावाः सर्दियों में बढ़ सकते हैं कोरोना संक्रमण के मामले

आम मत | नई दिल्ली

कोरोना को लेकर वैज्ञानिक लगातार रिसर्च कर रहे हैं। इस संबंध में एक के बाद एक शोध सामने भी आ रहे हैं। इसी कड़ी में कोरोना पर की गई एक शोध में दावा किया गया है कि सर्दियों में कोरोना का प्रकोप बढ़ेगा।

वैज्ञानिक ने इस स्टडी में बताया कि गर्मियों में कोरोना एरोसोल के छोटे कणों की वजह से संक्रमण फैल रहा था। वहीं, सर्दियों में रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स के सीधे संपर्क में आने से संक्रमण के मामले फिर से बढ़ सकते हैं। ये स्टडी नैनो लेटर्स जर्नल में प्रकाशित हुई है। शोध में यह भी कहा गया कि कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए फिजिकल या सोशल डिस्टेंसिंग के वर्तमान के नियम काफी नहीं हैं।

शोधकर्ता यानिइंग झू ने कहा कि उन्होंने पाया कि रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स सीडीसी द्वारा बताए गए 6 फीट से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। झू ने अपनी शोध में पाया कि ऐसे स्थान जहां तापमान बेहद कम और आर्द्रता होती है। वहां ड्रॉपलेट्स जमीन पर गिरने से पहले 6 फीट से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। यह दूरी 20 फीट तक हो सकती है। इन स्थानों में मीट को ताजा रखने वाली जगहें या प्लांट्स आते हैं।

दूसरी ओर, गर्म और शुष्क स्थानों में ड्रॉपलेट्स हवा में आसानी से उड़ जाते हैं। ये वायरस के कणों के साथ मिलकर एरोसोल वायरस का कण बना लेते हैं, जो बोलने, खांसने और छींकने से फैलता है। ये कण आमतौर पर 10 माइक्रोन से छोटे होते हैं, इसलिए हवा मे कई घंटों तक रह सकते हैं और सांस के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

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