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राजस्थानः आरक्षण को लेकर फिर उग्र हुए गुर्जर, पटरियां उखाड़ीं

आम मत | जयपुर

राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर से गुर्जर पटरियों पर बैठ गए हैं। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने रविवार को भरतपुर के पिलुकापुार में महापंचायत बुलाई थी। बयाना के अड्डा गांव के पास दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की पटरियां उखाड़ दीं। पटरी पर कब्जा करने के साथ ही जगह-जगह गड्ढ़े कर दिए गए। फिश प्लेट उखाड़ने से दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बाधित हो गया। आधा दर्जन ट्रेनों को रोक दिया गया।
फतेजसिंहपुरा-डूमरिया रेलवे स्टेशन के बीच पटरी की फिश प्लेट उखाड़ने के साथ ही उग्र गुर्जरों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

कर्नल बैंसला ने रविवार को महापंचायत के बाद चक्काजाम का आह्वान किया था, लेकिन उग्र युवाओं ने इससे पहले ही पटरी उखाड़ दी। सरकार की तरफ गुर्जर नेताओं को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन शाम तक कोई समझौता नहीं हो सका। गुर्जरों को मनाने के लिए राज्य के खेलमंत्री अशोक चांदना पिलूकापुरा पहुंचे और सरकार की तरफ से अब तक किए गए कार्यों की जानकारी दी।

चक्काजाम को देखते हुए सरकार ने भरतपुर व करौली जिलों में रोडवेज की बसों का संचालन बंद कर दिया गया। अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) में पांच फीसद आरक्षण का मामला संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल कराने, बैंकलॉग पूरा करने, देवनारायण बोर्ड के गठन सहित विभिन्न मांगों को लेकर राजस्थान के गुर्जर रविवार को उग्र हो गए।

इसी बीच, गुर्जर नेता दो गुटों में बंट गए। एक गुट बैंसला का है। वहीं, दूसरा गुट हिम्मत सिंह का है, जिसने शनिवार को सरकार के साथ वार्ता की। इस वार्ता में 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी। हिम्मत सिंह ने गुर्जर आंदोलन की जरूरत नहीं बताई थी, लेकिन बैंसला गुट ने इसे नहीं माना।

हिम्मत सिंह ने कहा कि बैंसला भाजपा के इशारे पर अपने बेटे विजय को राजनीति में स्थापित करने को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। रविवार दोपहर बाद पिलूकापुरा में हुई महापंचायत के बीच राज्य सरकार के खेल मंत्री अशोक चांदना ने बैंसला से मोबाइल पर बात की।

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