– पीएम ने 6 लेन सड़क परियोजना का किया उद्घाटन
– देव दीवाली के अवसर पर संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री
आम मत | वाराणसी
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी पहुंचे। उन्होंने यहां 6 लेन चौड़ी सड़क परियोजना का उद्धाटन किया है। प्रयागराज से वाराणसी के बीच केवल डेढ़ घंटे में सफर तय किया जा सकेगा। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा लोग कहीं भी आते -जाते हैं तो देखते हैं कि कितना समय लगेगा।
काशी प्रयागराज की दूरी अब कम हो गई है। काशी को उपहार मिला है। हम यही चाहते हैं कि लोगों को सुविधा मिले और काम आसान हो। पीएम मोदी ने कहा कि पहले लोग 70 किलोमीटर जाने में ही परेशान हो जाते हैं। अब रेलवे और एयर कनेक्टिविटी को भी सुधारा जा रहा है। पिछले 6 साल में काशी को कई परियोजनाएं मिल रही है। काशी को सुंदर बनाने का काम हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज गुरु नानाक देव जी के जन्मोत्सव पर काशी के लोगों को ये सौगात मिल रहा है। आप सभी को बहुत बहुत बधाई। जो लोग पहले आते थे इस रास्ते पर आकर परेशान हो जाते थे. 2013 में सिर्फ चार लेन थी। कावड़ यात्रा के दौरान कावड़ियों को जो परेशानी होती थी वो भी अब समाप्त हो जाएगी। इसका लाभ कुंभ के दौरान भी मिलेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज सरकार के प्रयास से किसान को लाभ मिल रहा है। किसान विदेश में निर्यात कर रहा है। लंदन तक में भारत की फल सब्जियों की मांग है। उन्होंने आगे कहा एक हजार किसान परिवार काले चावल की खेती कर रहे हैं। काला चावल आज ऑस्ट्रेलिया निर्यात हो रहा है। किसान सुधार और उनके हित में हमने काम किया है। काला चावल आज 300 रुपए बिक रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि जिन्हों ने दशकों तक किसानों के साथ छल किया है वही अब भ्रम फैला रहे हैं। अब विरोध का आधार भ्रम है। पीएम मोदी ने कहा है कि जो हुआ ही नहीं उसको लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। पहले MSP पर खरीद कम होती थी। पहले किसानों के साथ सिर्फ धोखा होता था। पहले खाद की कालाबजारी होती थी। झूठ फैलाना उनकी आदत हो गई है।
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थीं, लेकिन वो खुद मानते थे कि 1 रुपए में से सिर्फ 15 पैसे ही किसान तक पहुंचते थे। पीएम मोदी ने आगे कहा कि हमने वादा किया था कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश के अनुकूल लागत का डेढ़ गुना MSP देंगे। ये वादा सिर्फ कागज़ों पर ही पूरा नहीं किया गया, बल्कि किसानों के बैंक खाते तक पहुंचाया है।