जयपुर ग्रेटर में भाजपा ने मारी बाजी, हैरिटेज में कांग्रेस की बाड़ेबंदी आई काम
आम मत | जयपुर
परिसीमन के बाद दो भागों में बंटे जयपुर नगर निगम के महापौर पद के नतीजे मंगलवार को हुई मतगणना के बाद सामने आई। भाजपा प्रत्याशी डॉ. सौम्या गुर्जर जयपुर ग्रेटर नगर निगम पहली मेयर बनीं। इसी तरह, कांग्रेस की मुनेश गुर्जर जयपुर हैरिटेज नगर निगम की पहली मेयर बनी। सौम्या गुर्जर ने कांग्रेस प्रत्याशी दिव्या गुर्जर को 44 वोटों से हराया। जहां सौम्या गुर्जर को 150 में से 97 पाषर्दों ने वोट दिए। वहीं, दिव्या को महज 53 वोट ही मिले।
इसी तरह, जयपुर हैरिटेज में कांग्रेस की मुनेश गुर्जर 100 में से 56 वोट पाकर विजयी हुईं। भाजपा प्रत्याशी कुसुम यादव को 44 वोट मिले। उल्लेखनीय है कि जयपुर ग्रेटर में भाजपा के 88 पार्षद होने के कारण सौम्या गुर्जर का दावा पहले से ही मजबूत माना जा रहा था। जयपुर ग्रेटर के कुल 150 वार्डों में से 88 भाजपा, 49 कांग्रेस और 13 वार्डों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी।
वहीं, जयपुर हैरिटेज में भाजपा-कांग्रेस में कांटे की टक्कर थी। कांग्रेस के पास जहां, 100 में से 47 सीटें थी तो वहीं भाजपा के पास 42 पार्षद संख्या थी। यहां सारा दारोमदार निर्दलीय पार्षदों पर था। कांग्रेस शुरू से ही दावा कर रही थी कि 9 निर्दलीय पार्षद उसके साथ हैं। ऐसे में बहुमत के लिए जरूरी संख्या बल (51) होने का भी वह दावा कर रही थी। मंगलवार को हुई वोटिंग में कांग्रेस ने बहुमत से 5 वोट ज्यादा प्राप्त किए।
पिछले टर्म (2014-2019) में तीन मेयर बने
परिसीमन से पहले जयपुर में एक ही नगर निगम था। पिछले टर्म यानी वर्ष 2014 में हुए चुनावों में भाजपा ने बाजी मारी और निर्मल नाहटा को सातवें मेयर के रूप में शपथ दिलाई गई। भाजपा में अंदरूनी कलह के चलते वर्ष 2016 में नाहटा को पद से हटाते हुए अशोक लाहौटी को मेयर बनाया गया।
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में विधायक निर्वाचित होने के कारण लाहौटी को पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद जनवरी 2019 में विष्णु लाटा भाजपा से बागी होकर कांग्रेस के सहयोग से मेयर बने और कांग्रेस की सदस्यता ले ली।
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