आम मत | मुंबई
बृहन्मुंबई म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने बुधवार को कंगना रनौत के पाली हिल स्थित ऑफिस को तोड़ने की कार्रवाई को अंजाम दिया। इसे लेकर अब सियासी हलचल बढ़ गई है। मामले पर बुधवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना सांसद संजय राउत के बीच सीएम आवास पर बैठक हुई।
इससे पहले, बीएमसी कमिश्नर भी मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे। बैठक में कहा गया कि कार्रवाई बीएमसी की ओर से की गई है। इसमे राज्य सरकार का हस्तक्षेप नहीं है और ये राज्य का मामला भी नहीं है। ऐसे में इस मामले को ज्यादा महत्व नहीं देना है। मामले को लेकर शिवसेना गठबंधन में ही घिर चुकी है।
उनके बयानों को बिना वजह दिया जा रहा महत्त्वः शरद पवार
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को अभिनेत्री कंगना रनौत का नाम लिए बिना कहा कि उनके बयानों को अनुचित महत्त्व दिया जा रहा है। पवार ने कहा कि लोग उनकी टिप्पणियों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस सप्ताह के शुरू में मिली धमकी को वह गंभीरता से नहीं लेते हैं।
पवार ने कहा, हम ऐसे बयान देने वालों को अनुचित महत्त्व दे रहे हैं। हमें देखना होगा कि लोगों पर इस तरह के बयानों का क्या प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा, मेरी राय में, लोग (ऐसे बयानों को) गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्होंने कहा, वे (लोग) पुलिस के काम को जानते हैं। इसलिए हमें इस पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है कि कोई क्या कहता है।
कांग्रेस ने भी पल्ला झाड़ा
शिवसेना को इस मुद्दे पर कांग्रेस का भी साथ नहीं मिल रहा हैय़ महाराष्ट्र में कांग्रेस के नेता संजय निरूपम ने ट्वीट किया कि कंगना का ऑफिस अवैध था या उसे डिमॉलिश करने का तरीका? क्योंकि हाई कोर्ट ने कार्रवाई को गलत माना और तत्काल रोक लगा दी. पूरा एक्शन प्रतिशोध से ओत-प्रोत था। बदले की राजनीति की उम्र बहुत छोटी होती है। कहीं एक ऑफिस के चक्कर में शिवसेना का डिमॉलिशन न शुरू हो जाए।