आम मत | जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास तथा भौगोलिक दृष्टि से दिल्ली-मुम्बई इण्डस्टि्रयल कॉरिडोर (डीएमआईसी) एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इससे प्रदेश में निवेश, रोजगाार तथा नियोजित नगरीय विकास की बड़ी संभावनाएं हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि इस प्रोेजेक्ट के अन्तर्गत राज्य में प्रस्तावित निवेश क्षेत्रों के काम को योजनाबद्ध रूप से गति देते हुए इसे धरातल पर लाया जाए।
गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास पर डीएमआईसी प्रोजेक्ट की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना के तहत बनने वाले डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का बड़ा भाग राजस्थान से गुजरेगा। डीएमआईसी के पहले चरण में राज्य में प्रस्तावित खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना तथा जोधपुर-पाली-मारवाड़ निवेश क्षेत्र के काम को समय सीमा निर्धारित करते हुए गति दी जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों में डीएमआईसी प्रोजेक्ट पर बेहतर काम हुआ है, वहां का अध्ययन कर उनके अनुभवों को शामिल करते हुए जमीन अधिग्रहण, मुआवजा राशि भुगतान, पर्यावरणीय स्वीकृति आदि के काम में तेजी लाई जाए। सीएम ने खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना इंडस्ट्रियल नोड़ के तहत भिवाड़ी इन्टीग्रेटेड टाउनशिप के काम को गति देने के लिए टाउन प्लानिंग विभाग तथा इंजिनियरिंग शाखा को मजबूत करने के भी निर्देश दिए।
जोधपुर-पाली-मारवाड़ क्षेत्र को स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन घोषित
बैठक में प्रमुख शासन सचिव डीएमआईसी नरेशपाल गंगवार ने बताया कि जोधपुर-पाली-मारवाड़ निवेश क्षेत्र को स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन के रूप में घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस निवेश क्षेत्र को विकसित करने के लिए रीको क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के रूप मे काम करेगा। इसी प्रकार खुशखेड़ा-भिवाड़ी-नीमराना निवेश क्षेत्र के प्रथम चरण में अधिग्रहण के लिए 532 हैक्टेयर भूमि का अवार्ड पारित किया जा चुका है।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोरा, प्रमुख सचिव नगरीय विकास भास्कर ए. सावंत, रीको के प्रबंध निदेशक आशुतोष एटी पेडनेकर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।