आम मत | पटना / नई दिल्ली
बिहार की जनता ने सभी पूर्वानुमानों और एग्जिट पोल को गच्चा देते हुए एनडीए को एक बार फिर से सत्ता सौंपने का मन बनाया है। बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। वहीं, राजद दूसरे स्थान पर रही। उसे सहयोगी पार्टियों का सहयोग नहीं मिल पाने के कारण निराश होना पड़ा। नीतीश कुमार एक बार फिर से बिहार की सत्ता संभालेंगे।
मंगलवार सुबह, 8 बजे से शुरू हुई मतगणना का पहला रुझान करीब 10 बजे मिला। दोपहर 2 बजे तक एनडीए बढ़त बनाए हुआ था, लेकिन इसके बाद कुछ समय के लिए महागठबंधन और एनडीए बराबर स्थिति पर आ गए। इसी तरह के आंकड़े सुबह भी देखने को मिले थे, तब महागठबंधन आगे चल रहा था।
वोट शेयरिंग में राजद आगे
चुनाव आयोग के अनुसार, पार्टीवार वोट शेयरिंग में राजद को सर्वाधिक वोट (23.7 फीसदी) मिले। इसके बाद भाजपा को 19.4 प्रतिशत, जदयू को 15.4 फीसदी, कांग्रेस को 9.5 प्रतिशत वोट पड़े। चिराग पासवान की लोकतांत्रिक जनता पार्टी को 5.6 प्रतिशत पड़े।
ये बड़े नाम जीते-हारे
बिहार विधानसभा में कई बड़े नामों की साख भी दांव पर लगी हुई थी। इनमें कई दिग्गज अपनी साख बचाने में कामयाब रहे। लालू प्रसाद के दोनों बेटे तेजस्वी और तेजप्रताप अपनी-अपनी सीटें जीतने में सफल रहे। वहीं, हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने भी जीत दर्ज की।
भाजपा की उम्मीदवार शूटर श्रेयसी सिंह ने भी जीत हासिल की। प्लूरल्स पार्टी की सीएम उम्मीदवार पुष्पम प्रिया चौधरी को हार का सामना करना पड़ा। लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप के ससुर और जदयू से प्रत्याशी चंद्रिका राय को हार गए। वहीं, बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे लालू के साले साधु यादव को भी हार का मुंह देखना पड़ा।