आम मत | नई दिल्ली
लोकसभा में शुक्रवार को पीएम केयर्स फंड को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच तीखी बहस हो गई। सदन में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि पीएम केयर्स फंड का नाम प्रधानमंत्री की संस्था से जुड़ा हुआ है, इसलिए यह अधिक उपयुक्त नहीं होगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर यह फंड सार्वजनिक विश्वास के बजाय कानून के माध्यम से बनाया गया होता तो ज्यादा उपयुक्त होता।
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने आगे कहा, पीएम केयर्स फंड एक पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट है, जिसकी स्थापना भारत के लोगों के लिए की गई है। आपने नेहरू-गांधी परिवार के लिए ट्रस्ट की स्थापना की। नेहरू और सोनिया गांधी पीएम नेशनल रिलीफ फंड के सदस्य रहे हैं। इस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नेहरू जी ने 1948 में एक शाही आदेश की तरह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष बनाने का आदेश दिया था लेकिन उसका पंजीकरण आज तक नहीं हो पाया है। एफसीआरए को मंजूरी कैसे मिली?
लोकसभा में विधेयक पेश किए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने पीएम केयर्स फंड के गठन को लेकर सवाल उठाए। कुछ सदस्यों ने इस कोष को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष में मिला देने का सुझाव दिया। इस दौरान वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि पीएम केयर्स फंड का विरोध किया जा रहा है लेकिन इस विरोध के पीछे तर्क तो होना चाहिए।
इधर, टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला पर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष बीजेपी सदस्यों का बचाव कर रहे हैं। बनर्जी ने कहा कि अध्यक्ष हमेशा विपक्षी सदस्यों को रोकते हैं।
बनर्जी ने यहां तक कहा दिया कि अगर अध्यक्ष उन्हें निलंबित करना चाहते हैं, तो वो इसके लिए तैयार हैं, लेकिन वे इस तरह के व्यवहार को अब बर्दाश्त नहीं कर सकते। अधीर रंजन चौधरी ने भी कल्याण बनर्जी का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि नव निर्वाचित सदस्य भी विपक्षी सदस्यों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।